प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जीवन की 14 बड़ी बातें, जन्म से प्रधानमंत्री बनने तक...
, रविवार, 17 सितम्बर 2023 (10:18 IST)
Narendra Damodardas Modi: नरेन्द्र दामोदरदास मोदी (PM Narendra Modi)। यही पूरा नाम है भारत के प्रधानमंत्री का। दामोदर दास उनके पिता का नाम है। उनसे जुड़ी बड़ी से बड़ी और छोटी से छोटी बातें हर भारतीय जानना चाहता है। मोदी की चर्चा भारत ही नहीं विदेशों में भी होती है। मोदी विदेशों में रह रहे भारतीयों के बीच भी काफी लोकप्रिय हैं। आइए जानते हैं पीएम मोदी से जुड़ी कुछ खास बातें....
जन्म : नरेन्द्र मोदी का जन्म 17 सितंबर 1950 को गुजरात राज्य के वडनगर में दामोदार दास मूलचंद मोदी और हीराबेन के यहां हुआ। मोदी 5 भाई-बहनों में से तीसरे नंबर की संतान हैं। बचपन में उन्हें प्यार से नरिया कहकर भी बुलाया जाता था। मोदी के पिता की वडनगर रेलवे स्टेशन पर चाय की दुकान थी। वे पिता के काम में हाथ बटाया करते थे। यही कारण है कि उन्हें 'चायवाला' प्रधानमंत्री भी कहा जाता है। 1965 में भारत-पाक युद्ध के दौरान उन्होंने स्टेशन से गुजर रहे भारतीय सैनिकों को चाय पिलाई थी।
शिक्षा : नरेंद्र मोदी की प्रारंभिक शिक्षा वडनगर के भगवताचार्य नारायणाचार्य स्कूल में हुई। वे औसत छात्र थे, लेकिन आम बच्चों से कुछ भिन्न थे। उन्हें बचपन में एक्टिंग का शौक था। उन्होंने स्कूल में एक्टिंग, वाद-विवाद प्रतियोगिताओं और नाटकों में भाग लिया। उस समय मोदी ने कई पुरस्कार भी जीते। वे एनसीसी कैडेट भी रहे।
मोदी ने अमेरिका में मैनेजमेंट और पब्लिक रिलेशन से संबंधित 3 महीने का कोर्स किया है। आम बच्चों की तरह कौतुक करने में भी माहिर थे। वे एक बार शर्मिष्ठा तालाब से एक घड़ियाल का बच्चा पकड़कर घर लेकर आ गए। मां के समझाने पर उसे फिर तालाब में छोड़कर आ गए।
संन्यास की चाह : यह भी कहा जाता है कि नरेन्द्र मोदी बचपन से संन्यासी बनना चाहते थे। बचपन से ही वे साधु-संतों से काफी प्रभावित थे। संन्यासी बनने के लिए मोदी स्कूल की पढ़ाई के बाद घर से भाग गए थे। इस दौरान वे पश्चिम बंगाल के रामकृष्ण आश्रम सहित कई जगहों पर घूमते रहे। हिमालय में कई महीनों तक साधुओं के साथ रहे। दो साल बाद जब वह हिमालय से वापस लौटे तब उन्होंने संन्यास जीवन त्यागने का फैसला लिया। एक संन्यासी ने उन्हें दाढ़ी रखने की भी सलाह दी।
विवाह : 18 साल की उम्र में नरेन्द्र मोदी का विवाह उनकी मां ने बांसकाठा जिले के राजोसाना गांव में रहने वाली जसोदा बेन से कर दिया था। हालांकि विवाह के कुछ समय बाद उन्होंने अपना घर छोड़ दिया। मोदी कोई भी नया काम शुरू करने से पहले अपनी मां का आशीर्वाद जरूर लेते हैं। चुनाव में मिली जीत के बाद उन्होंने अपनी मां से जाकर आशीर्वाद लिया था। आज भी अपने बहन-भाइयों और पत्नी से अलग रहते हैं।
आरएसएस से जुड़ाव : मोदी बचपन से ही आरएसएस से जुड़ गए थे। 1958 में दीपावली के दिन गुजरात आरएसएस के पहले प्रांत प्रचारक लक्ष्मण राव इनामदार उर्फ वकील साहब ने नरेंद्र को बाल स्वयंसेवक की शपथ दिलवाई थी। वे बहुत मेहनती कार्यकर्ता थे। 1971 में वह आरएसएस के लिए पूर्णकालिक कार्यकर्ता बन गए। आरएसएस के बड़े शिविरों के आयोजन में मैनेजमेंट का हुनर दिखाते थे। आरएसएस नेताओं के ट्रेन और बस में रिजर्वेशन का जिम्मा उन्हीं के पास होता था।
नरेन्द्र मोदी बाद में घर छोड़कर संघ के प्रचारक बन गए। अहमदाबाद संघ मुख्यालय में रहते तो साफ-सफाई, चाय बनाना और बुर्जुग नेताओं के कपड़े धोने तक का काम वे करते थे। जब नरेन्द्र मोदी प्रचारक थे तो उन्हें स्कूटर चलाना नहीं आता था। भाजपा नेता और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री शंकर सिंह वाघेला उन्हें स्कूटर पर घुमाया करते थे।
नरेन्द्र मोदी ने संघ में रहते समय कुर्ते की बांह छोटी करवा लीं, ताकि वह ज्यादा खराब न हो। वर्तमान में मोदी ब्रांड का कुर्ता बन गया है और देशभर में मशहूर है। मोदी अन्य प्रचारकों के विपरीत दाढ़ी रखते और उसे ट्रिम भी करवाते। वे 1975 में आपातकाल के दौरान सरदार का रूप धरकर ढाई सालों तक पुलिस को छकाते रहे।
राजनीतिक गुरु आडवाणी : लालकृष्ण आडवाणी को नरेन्द्र मोदी का राजनीतिक गुरु माना जाता है। 1990 में मोदी ने आडवाणी की सोमनाथ से अयोध्या रथ यात्रा में बड़ी भूमिका निभाई थी। इस यात्रा के बाद ही भाजपा का देशभर में प्रभाव बढ़ा। गुजरात दंगों के बाद जब तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल जी नाराज हो गए थे, तब आडवाणी ही मोदी के बचाव में आगे आए थे।
भाजपा से जुड़ाव और गुजरात के मुख्यमंत्री : 1985 में नरेन्द्र मोदी भाजपा से जुड़ गए और 2001 तक पार्टी में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया। 2001 में मोदी पहली बार गुजरात के मुख्यमंत्री बने। वे लगातार 4 बार राज्य के मुख्यमंत्री रहे। गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने वाइब्रेंट गुजरात समिट आयोजित कर देश और विदेश के उद्योगपतियों को निवेश के लिए आकर्षित किया।
पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए उन्होंने बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन को गुजरात का ब्रांड एम्बेसडर बनाया। बंगाल के सिंगूर में टाटा के नैनो कार के प्लांट के विरोध के बाद नरेन्द्र मोदी ने टाटा एक मैसेज देकर उन्हें गुजरात प्लांट लगाने के लिए आमंत्रित किया- वेलकम टू गुजरात।
2014 में बने प्रधानमंत्री : 2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और पहली बार भाजपा ने पूर्ण बहुमत के साथ केन्द्र में सरकार बनाई। मोदी देश के प्रधानमंत्री बने। भारतीय राजनीति में यह कीर्तिमान था, क्योंकि आजादी के बाद 2014 में पहली बार पूर्ण बहुमत की गैर कांग्रेसी सरकार सत्ता में आई थी। 2019 में भी उन्होंने फिर इतिहास दोहराया। एक बार फिर पूर्ण बहुमत के साथ देश के प्रधानमंत्री बने। 2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी की लोकप्रियता शिखर पर थी। प्रधानमंत्री बनने के बाद इसमें और इजाफा हुआ।
दिनचर्या : एक जानकारी के मुताबिक नरेन्द्र मोदी सिर्फ साढ़े 3 घंटे की नींद लेते हैं, वे सुबह 5.30 बजे उठ जाते हैं। मोदी शाकाहारी हैं। सिगरेट और शराब से वे परहेज करते हैं। मोदी समय के बड़े पाबंद हैं। वे हर छोटी-छोटी बातों का भी ध्यान रखते हैं। जैसे भाषण से पहले उसकी तैयारी करना, बालों और कपड़ों की स्टाइल का भी ध्यान रखते हैं। योग और आयुर्वेद से उन्हें खासा लगाव है। उन्हीं के प्रयासों से 21 जून को विश्व योग दिवस के रूप में मनाया जाता है।
आशावादी : नरेन्द्र मोदी स्वभाव से आशावादी व्यक्ति हैं। एक भाषण के दौरान उन्होंने कहा था कि लोगों को आधा गिलास पानी से भरा नजर आता है, लेकिन मुझे आधा गिलास पानी और आधा हवा से भरा नजर आता है।
कवि और लेखक : नरेन्द्र मोदी अपने आप को एक लेखक और कवि मानते हैं। उन्होंने गुजराती भाषा में हिंदुत्व से संबंधित कई लेख भी लिखे हैं। नरेन्द्र मोदी का एक गुजराती कविता संग्रह 'आंख आ धन्य छे' भी प्रकाशित हो चुका है। मोदी महान विचारक और युवा दार्शनिक संत स्वामी विवेकानंद से बहुत ज्यादा प्रभावित हैं। उन्होंने गुजरात में विवेकानंद युवा विकास यात्रा भी निकाली थी।
विदेश यात्राएं : प्रधानमंत्री बनने के बाद शायद ही ऐसा कोई प्रमुख देश होगा, जहां की यात्रा मोदी ने नहीं की हो। अमेरिका तो वे कई बार जा चुके हैं। हालांकि गुजरात दंगों के दाग के कारण वर्ष 2005 में मोदी को अमेरिका ने वीजा देने से मना कर दिया था। पीएम इंडिया वेबसाइट के मुताबिक मोदी प्रधानमंत्री बनने के बाद अब तक 66 बार विदेश यात्रा पर जा चुके हैं। इनमें कुछ देश ऐसे भी हैं, जहां वे एक से अधिक बार दौरा कर चुके हैं। गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए भी वे चीन समेत कई देशों की यात्रा कर चुके थे।
हाउडी मोदी : यह कार्यक्रम 22 सितंबर 2019 को टेक्सास के ह्यूस्टन में आयोजित किया गया था। इस कार्यक्रम में भारतीय मूल के लगभग 50 हजार लोग शामिल हुए थे। यह कार्यक्रम भारत किसी भी प्रधानमंत्री का सबसे बड़ा कार्यक्रम था। इस आयोजन को मोदी के साथ ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भी संबोधित किया था। इस कार्यक्रम को 'हाउडी मोदी' नाम दिया गया था, जिसका अर्थ होता है आप कैसे हैं मोदी।
सोशल मीडिया पर सक्रिय : पतंगबाजी के शौकीन हैं नरेन्द्र मोदी सोशल मीडिया पर भी काफी एक्टिव रहते हैं। वर्तमान में ट्विटर पर उनके 8 करोड़ से ज्यादा फॉलोवर हैं। लोकसभा चुनाव 2014 में उन्होंने सोशल मीडिया का खूब प्रयोग किया था। 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद मोदी को लेकर लेखकों में काफी दिलचस्पी जगी। 2 महीने में उनकी 40 से ज्यादा जीवनियां प्रकाशित हो गईं।
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