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वाहन बाजार बल्ले-बल्ले

कार खरीदना है, मौका अच्छा है

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कार, दुपहिया और तिपहिया खरीदने की इच्छा रखने वालों के लिए वित्त मंत्री की झोली में से बड़ी राहत निकलकर आई। चिदंबरम ने कार, दुपहिया और तिपहिया वाहनों पर उत्पाद शुल्क घटाकर वाहन बाजार को बल्ले-बल्ले कर दिया है।

उन्होंने रेफ्रिजरेशन और जल शुद्धिकरण उपकरण जैसे उत्पादों पर शुल्क घटाया। नाश्ते की मेज की कुछ चीजें सस्ती की गई है। लेकिन उपभोक्ता बाजार की समस्याओं पर बहुत ज्यादा ध्यान नहीं दिया।

आप कार खरीदने की योजना बना रहे हैं, मौका अच्छा है। वित्त मंत्री ने छोटी कारों पर उत्पाद शुल्क 16 प्रश से घटाकर 14 प्रश कर दिया है। हाईब्रिड कारों पर भी उत्पाद शुल्क 24 प्रश से घटाकर 14 प्रश कर दिया है।

हाईब्रिड कारें अभी भारत में नहीं बिक रही हैं। ये कार इलेक्ट्रिक मोटर, गैसोलीन/डीजल इंजन से चलती हैं और कम प्रदूषण करती हैं। होंडा सिएल, टोयोटा इंडिया और महिंद्रा एंड महिंद्रा जैसी कंपनियाँ ये कार बहुत जल्द जारी कर सकती हैं।

दुपहिया -तिपहिया भी सस्ते होंगे
दुपहिया वाहन खरीदने की इच्छा रखने वालों के लिए खुशखबरी। इन पर भी उत्पाद शुल्क 16 से घटाकर 12 प्रश कर दिया गया है।

दिल को झप्पी
आपका मासिक मेडिकल बिल आपके दिल को बेचैन कर रहा है? चिंता न करें, वित्त मंत्री ने विशेषीकृत जीवनरक्षक दवाइयों पर सीमा शुल्क 10 से घटाकर 5 प्रश कर दिया है। एड्सरोधी दवा पर भी उत्पाद शुल्क में छूट दी गई है।

टायर के दाम घट
टायर बनाने वाली अग्रणी कंपनी जे के टायर एंड इंडस्ट्रीज लि. ने कहा है कि सेनवेट शुल्क को 16 से घटाकर 14 प्रश किए जाने से वह अपने सभी वर्गों के टायरों की कीमतों में दो प्रतिशत कमी करेगी। नई कीमतें शनिवार से लागू हो जाएँगी।

तुरंत नजर आया अस
ह्यूंदई 12 से 16 हजार, मारुति 6 से 18 हजार तक सस्ती

छोटी कार खरीदने वालों के लिए तुरंत अच्छी खबर यह है कि प्रमुख कंपनियों ह्यूंदई मोटर इंडिया और जनरल मोटर्स ने कहा है कि वे उत्पाद शुल्क में कटौती का सीधा फायदा उपभोक्ता-ग्राहकों को देंगी। इससे ग्राहकों को करीब 16000 रु. का फायदा होगा।

ह्यूंदई के एक अधिकारी ने बताया कि कंपनी तीन मॉडलों सांत्रो, आई10 और गेट्ज के दाम 1 अप्रैल से घटा देगी। सांत्रो 12 से 14 हजार, गेट्ज 14 से 16 हजार और आई10 की कीमत 12 से 16 हजार रु. तक कम हो सकती है। जनरल मोटर्स भी छोटी कार स्पार्क और एवियो यू-वीए के दाम घटा रही है। जीएम के प्रेसीडेंट पी. बालेंद्रन ने कहा कि दाम 7.5 हजार से 14 हजार रु. तक कम होंगे।

मारुति के दाम भी घट
मारुति सुजुकी इंडिया लि. ने कार के दामों में साढ़े छः हजार रु. से लेकर 18 हजार रु. तक की कमी कर दी है। मारुति-800, ओमनी, जेन, वैगन आर, स्विफ्ट, आल्टो 6500 से लेकर 18,030 तक सस्ती होंगी। टाटा मोटर्स ने कहा है कि वह अपनी छोटी कार और बस के दाम घटाने के संबंध में अगले कुछ दिनों में घोषणा करेगी।

नाश्ते की मेज के मजे
नाश्ते की मेज में सजने वाली चीजें जैसे कॉर्न फ्लैक्स, शरबत, कॉफी और चाय और पैकेज्ड कच्चा नारियल सस्ते हो गए हैं। बजट में इन वस्तुओं पर उत्पाद शुल्क घटाया गया है या इन पर छूट दी गई है। कच्चा नारियल पानी, चाय, कॉफी, चावल छिल्का, कॉफी प्रि-मिक्स, सोया मिल्क को पूरी तरह शुल्क मुक्त कर दिए गए हैं। अन्न व फलों का मिश्रण, कॉर्न फ्लैक्स और शरबत पर आधा घटाकर 8 प्रश कर दिया गया है।

इस्पात सस्ता
इस्पात इंडस्ट्रीज लि. ने इस्पात की कीमतों में प्रति टन 600 से 700 रु. की कमी की घोषणा की है। कटौती तत्काल प्रभाव से लागू हो गई है।

मोबाइल फोन महँग
नए मोबाइल हैंडसेट्स की खरीदी के लिए अब और ज्यादा जेब ढीली करनी होगी। वित्त मंत्री ने मोबाइल हैंडसेट्स पर नेशनल कैलामिटी कांटिजेंट ड्यूटी के नाम से 1 प्रश शुल्क लगाने का प्रस्ताव किया है। नोकिया के प्रवक्ता ने कहा कि इसका दाम पर मामूली असर होगा। भाव सिर्फ 1 प्रश बढ़ेंगे।

जेब खर्च कम होगा
एमटेक ऑटो के मुख्य वित्तीय अधिकारी संतोष सिंघी ने कहा कि छोटी कारों, बसों और दोपहिया वाहनों में उत्पाद शुल्क में कटौती की घोषणा ऑटो सेक्टर के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। घोषणा हमारी क्षमता को और ब़ढ़ाने का काम करेगी। साथ ही ऑटो कंपनियों द्वारा उपभोक्ताओं को राहत से उपभोक्ता की जेब का खर्च भी कम होगा।

दूरदर्शी कदम
गोदरेज समूह के चेयरमैन अदि गोदरेज के अनुसार यह दूरदर्शिता वाला बजट है। बजट में निजीकरण, वैश्वीकरण और उदारीकरण पर दिया गया जोर स्वागत करने योग्य है। इसके अलावा कृषि और आवास में की गई घोषणाएँ भी सराहनीय हैं। बजट में कॉस्मेटिक और अन्य सामान पर उत्पाद शुल्क में की गई 32 से 16 प्रतिशत की कमी गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड के लिए लाभदायक सिद्ध होगी। इसके अलावा कच्चे माल पर आयात शुल्क घटाया जाना अन्य उद्योगों के साथ हमारे लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है।

ये नहीं कर पाए
वित्तमंत्री चिदंबरम ने आयकर सीमा बढ़ाकर उपभोक्ता की जेब 4 हजार रु. तक गर्म कर दी। उपभोक्ता को घर से बाहर जाकर कुछ खर्च करने की ताकत तो मिल गई लेकिन वित्तमंत्री बाजार में कुछेक वस्तुओं को छोड़कर उपभोक्ता माँग को बढ़ाने में विफल रहे।

कलर टीवी समेत उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे कुछ क्षेत्रों में मुख्य समस्याएँ हैं जैसे कराधान, ढाँचागत अवरोध, भ्रष्टाचार, नीति क्रियान्वयन में देरी, कानूनी विसंगतियाँ, एफडीआई नियंत्रण आदि लेकिन चिदंबरम ने इन समस्याओं पर बहुत गहराई में जाने की कोशिश नहीं की। उन्होंने कार, दुपहिया व तिपहिया वाहनों पर उत्पाद शुल्क घटाकर कराधान की समस्या को थोड़ा दूर करने की कोशिश की लेकिन उन्होंने अन्य उपभोक्ता सामानों की ओर ध्यान नहीं दिया। खुदरा क्षेत्र में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) की अनुमति के बारे में भी वे कुछ नहीं बोले।

ये क्या कर दिया!
केपीएमजी के कार्यकारी निदेशक दीपांकर साँवाल्का ने कहा कि उपभोक्ता खपत नहीं बढ़ेगी। उत्पाद शुल्कों में कमी नहीं करने से लोगों की जेब में ज्यादा पैसा नहीं रहेगा। कुछ उपभोक्ता सामानों के लिए ठीक है लेकिन खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के लिए विशेष लाभ-प्रोत्साहन नहीं दिए गए। बजट प्रस्तावों से उपभोक्ता बाजार को निराशा ही हुई है। विशेष रूप से ऐसे समय जब, उपभोक्ता टिकाऊ बाजार पहले से मंदी की मार झेल रहा है।

न सत्यम्‌, न शिवम्‌, न सुंदरम्‌

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