Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

हिन्दी कविता : तू दुनिया का सरताज बन...

हमें फॉलो करें हिन्दी कविता :  तू दुनिया का सरताज बन...

पुष्पा परजिया

* आज पुकारा है आज एक बुलावा आया है
 
इम्तिहान देना है अब अपने देशप्रेम का,
इस प्रेम को जतलाने का संदेशा आया है।
 
रहें तुझसे दूर गर तो भी क्या है,
बसती तो आत्मा मेरी तुझमें,
फिर इस दूरी का गम ही क्या है?
 
बरसों से रही हर पल साथ ही साथ,
तू मेरे मेरी भारतमाता।
आई जब जब आफतें तुझ पर, 
मुझसे न सहा जाता।
 
देखूं जब-जब उन्नति और विकास तेरा,
गर्व से सर उठता है।
देख अपने प्यारे तिरंगे को, 
उल्लसित मेरा मन होता है।
 
कामना हर पल की रहती तू दुनिया का सरताज बन, 
दुश्मनों को बता दे सबसे आगे को तू बढ़कर।
 
विध्वंसी तत्वों का नाश हो सारे जहां में सिर्फ तेरा ही आगाज हो,
सर्व क्षेत्र में विकास सह शांति का निवास हो,
कामना बस इतनी मेरी, मेरे भारत में सुख-शांति का साम्राज्य हो। 
 
जय हिन्द जय हिन्द जय हिन्द 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

प्रेमगीत : ये इशारे कहें प्यार हो ही गया...