सिंगापुर। भारत ने दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों में बसे प्रवासी भारतीयों से देश में निवेश करने का आह्वान करते हुए कहा है कि वे 'मेक इन इंडिया' और 'कारोबारी सुगमता' जैसी नीतियों से पैदा हुए अवसरों का लाभ उठाएं।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने यहां प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि प्रवासी भारतीय समुदाय से आह्वान किया कि वे निवेश की दृष्टि से बदलते हुए भारत को इसके विकास को देखें।
उन्होंने कहा, 'भारत आज 100-150 वर्ष पुराना भारत नहीं रह गया है। देश पूरी तरह से बदल चुका है। विदेश मंत्रालय के अनुसार दुनियाभर में बसे कुल 3.1 करोड़ प्रवासी भारतीयों और भारतीय मूल के लोगों में से लगभग 60 लाख 10 आसियान देशों में बसे हुए हैं।'
श्रीमती स्वराज ने कहा, 'भारतीय अर्थव्यवस्था में मजबूती आने के साथ दूसरे देशों के साथ उसके संबंध भी प्रगाढ होंगे। इससे देश का व्यापार और निवेश भी बढ़ेगा। भारत और दक्षिण एशियाई देशों के बीच 'संस्कृति की सहजता' है।'
उन्होंने कहा कि आसियान के साथ प्रगाढ़ संबंधों से दोनों पक्षों विकास और समृद्धि की ओर अग्रसर होंगे। उन्होंने कहा, 'दक्षिण पूर्वी एशिया में प्रवासी भारतीयों के रूप में हमारे पास अपरिमित संसाधन हैं। जो पुराने मार्गों पर नई यात्रा के लिए पुल का काम करेंगे।' (वार्ता)