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एनआरआई पर क्या हुआ नोटबंदी का असर?

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8 नवंबर की रात को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा अचानक आधी रात से 500 और 1000 रुपए की भारतीय मुद्रा कानूनी रूप से बंद करने के ऐलान का असर पूरे देश पर तो हुआ ही है, साथ ही इससे अप्रभासी भारतीय (एनआरआई) भी अछूते नहीं रहे हैं। भारत में तो लोगों को 10 नंवबर से नोट बदलवाने की सुविधा मिली हुई है लेकिन सबसे ज्यादा परेशानी उन लोगों को उठानी पड़ रही है, जो विदेश से लौट रहे हैं या फिर विदेश जा रहे हैं। 
नोटबंदी के कारण विदेश मंत्रालय के सामने भी कई तरह की परेशानियों की शिकायतें आ रही हैं। अप्रवासीय भारतीय जिनके पास विदेश में भारतीय मुद्रा है वे यही समझ नहीं पा रहे हैं कि आखिर इन्हें कहां बदलवाएं? 
 
2014 में नए नियमों के तहत 25 हजार रुपए से अधिक की भारतीय मुद्रा न तो विदेश ले जा सकते हैं और न ही वापस ला सकते हैं, लेकिन समस्या यह है कि जिनके पास तय सीमा में मुद्रा है और वे फिलहाल भारत नहीं आ रहे तो ऐसे में उनके 500-1000 के नोटों का क्या होगा? वे पुराने नोटों के बदले नए नोट कैसे पाएंगे? 
 
एनआरआई के अलावा दिल्ली में रहने वाले विदेशी राजनयिक भी नोटबंदी से परेशान हैं। उनका कहना है कि दूतावास या उच्चायोग को ज़्यादा नकदी की जरूरत होती है। नोटों की निकासी और बदले जाने की फिलहाल जो सीमा रखी गई है, वह इनके लिए पर्याप्त नहीं है। इस सीमा से कहीं ज्यादा रुपयों की उन्हें जरूरत होती है। हालांकि नियमों के मुताबिक एनआरआई पांच सौ और हजार के बड़े नोट अपने एनआरओ एकाउंट में जमा करा सकते है।
 
विदेशी दूतावासों की एक समस्या यह भी है कि काउंसलर और वीजा फीस के तौर पर जो पुराने नोट लिए हैं उनका क्या होगा? उन्हें कैसे जमा किया जाएगा या फिर वे कैसे बदले जाएंगे? बाहर के देशों में भारतीय मुद्रा बदलने वाला एसोसिएशन भी नोटबंदी से बेहत परेशान है। दुनिया के दूसरे देशों की करेंसी के बदले भारतीय रुपया देने वाले एजेंट अब बड़े नोटों के इकठ्ठा हो जाने से दिक्कत में आ गए हैं। 
 
नोटबंदी के बाद विदेशों में रह रहे भारतीय अप्रवासियों ने सुझाव दिया है कि उनके देशों में स्थित भारतीय दूतावासों में पुराने अमान्य भारतीय नोटों को बदलने की व्यवस्था की जानी चाहिए। इंग्लैंड में रह रहे अप्रवासी भारतीयों ने प्रधानमंत्री मोदी से वहां नोट बदलने की व्यवस्था करने का आग्रह किया है। लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग को हालांकि अभी इस तरह का कोई निर्देश नहीं दिया गया है, जिसकी वजह से अप्रवासी भारतीय परेशान हो रहे हैं।
 
उधर चीन में भी रह रहे भारतीय कारोबारियों ने बीजिंग स्थित भारतीय दूतावास से नोट बदलने की व्यवस्था करने का आग्रह किया है, लेकिन दूतावास अधिकारियों ने उन्हें भारत लौटने पर नोट बदलने की सलाह दी। चीन में न केवल बड़ी संख्या में भारतीय निवास करते हैं बल्कि कइयों ने भारत से जाकर वहां उद्योग भी स्थापित किए हैं।  
 
वैसे भारतीय रिजर्व बैंक ने 500 और 1000 के कानूनी रूप से अमान्य घोषित नोटों को बदलने के लिए 30 दिसम्बर 2016 तक की तिथि निर्धारित की है। इस योजना के तहत भारत में रह रहे लोग कमर्शियल बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, शहरी सहकारी बैंकों, राज्य सहकारी बैंकों और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया में जमा करा सकते हैं। इस दौरान नोट जमा या बदलवा न पाने वाले लोगों को मार्च 2017 तक आरबीआई के निश्चित कार्यालयों में यह सुविधा रहेगी। इसके लिए आपको निश्चित दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे।
 
500 और 1000 के नोट के लिए एनआरआई यह कर करते हैं :  जो भारतीय देश से बाहर हों तो भारत में मौजूद अपने किसी व्यक्ति को अधिकार देकर आप 500 या 1000 के नोट जमा करा सकते हैं। आपकी ओर से आधिकारक  किए गए शख्स को पुराने नोटों, अधिकार पत्र और अपने आईडी प्रूफ के साथ बैंक की शाखा पर जाना होगा। यदि एनआरआई का एनआरओ खाता है तो उस खाते में पुराने नोट जमा कराने की सुविधा होगी।
  
यह भी खबर है कि विदेशी नागरिक और एनआरआई को जल्द ही इसकी इजाजत होगी कि वे संबंधित विदेशी बैंकों की ओर से जारी क्रेडिट या डेबिट कार्ड का इस्तेमाल करते हुए विदेश से भारत में घरेलू यात्रा के लिए ट्रेन टिकट ऑनलाइन बुक करा सकें क्योंकि आईआरसीटीसी अंतरराष्ट्रीय लेनदेन के लिए अपनी प्रणाली में आवश्यक बदलाव कर रहा है। वर्तमान में विदेशी और एनआरआई अपने टिकट टूर ऑपरेटरों और यहां स्थित अपने रिश्तेदारों के जरिये बुक कराते हैं।
 
रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हमारा लक्ष्य विदेशी और एनआरआई को बिना किसी परेशानी के टिकट बुक करने की सुविधा प्रदान करना है तथा भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) को यथोचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है। बौद्ध सर्किट ट्रेनें, ‘पैलेस ऑन व्हील’, ‘महाराजा’ जैसी लग्जरी सेवाएं तथा अन्य विशेष पर्यटन ट्रेनें विदेशियों में काफी लोकप्रिय हैं। टिकट आमतौर पर टूर ऑपरेटरों के जरिये ही बुक किए जाते हैं। आईआरसीटीसी साइट पर एक बार जरूरी प्रणाली शुरू हो जाने पर विदेशी लग्जरी ट्रेनों के अलावा नियमित सेवा के लिए ट्रेनों के टिकट बुक कर सकेंगे।

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