अमेरिका ने अपने यहां रहने वाले विदेशों छात्रों के लिए नीतियों को सख्त कर दिया है। इस नीतियों का उल्लंघन करने वाले छात्रों पर अमेरिका में घुसने पर 10 का प्रतिबंध लगाया जा सकता है। बताया जा रहा है कि नियम सख्त होने से का असर अमेरिका में पढ़ रहे 1.86 लाख भारतीय छात्रों पर भी पड़ेगा। नए प्रावधान 9 अगस्त से लागू हो गए हैं।
अमेरिका ने अपने यहां पढ़ रहे विदेशी छात्रों के लिए नियमों को सख्त कर दिया है। स्टूडेंट स्टेटस का उल्लंघन करने पर स्टूडेंट और उसके परिवार वालों की अमेरिका में मौजूदगी गैर-कानूनी मानी जाएगी, भले ही वीजा अवधि खत्म न हुई हो। पहले नियम यह था कि जिस दिन दोष साबित होता या फिर आप्रवासी मामलों का जज आदेश जारी करता था, उस दिन से अमेरिका में रहना अवैध माना जाता था। नई नीति के अनुसार180 दिन तक अनाधिकृत रूप से रहने वालों की अमेरिका में फिर से एंट्री पर 10 साल का प्रतिबंध लग सकता है।
नए नियमों के मुताबिक तय वक्त से ज्यादा समय टिकना तो गैरकानूनी प्रवास माना ही जाएगा लेकिन इसके और भी कारण हो सकते हैं। कोई छात्र संस्थान के मुताबिक तय घंटे नहीं बिताएगा तो यह स्टूडेंट स्टेटस के नियमों का उल्लंघन होगा। पढ़ाई पूरी होने पर के बाद मिलने वाले ग्रेस पीरियड के बाद अमेरिका में रुकने या अनाधिकृत रूप से नौकरी करने पर भी कार्रवाई की जा सकती है।
चीन के बाद भारत के छात्रों की अमेरिका में सबसे ज्यादा संख्या है। ओपन डोर्स 2017 की रिपोर्ट के अनुसार भारत के 1.86 लाख छात्र अमेरिका में पढ़ाई कर रहे हैं। अमेरिका के आंतरिक सुरक्षा विभाग की रिपोर्ट में सामने आया कि पिछले साल 1,27,435 भारतीय छात्र एफ, जे और एम कैटेगरी के जरिए अमेरिका पहुंचे। इनमें से 4,400 वीजा अवधि खत्म होने के बाद भी वहां रुके रहे। कुल 21 हजार से ज्यादा भारतीय तय समय पूरा होने के बाद भी अमेरिका में रुके।