Annapurna Bhairavi Jayanti 2024:मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा के दिन दस महाविद्याओं में से एक पांचवी विद्या त्रिपुर भैरवी की जयंती रहती है। इसी के साथ ही इसी दिन माता अन्नपूर्णा की जयंती भी रहती है। इसी दिन दत्तात्रेय जयंती भी रहेगी। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार इस बार 15 दिसंबर को यह जयंती मनाई जाएगी।
पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ- 14 दिसम्बर 2024 को शाम 04:58 बजे से।
पूर्णिमा तिथि समाप्त-15 दिसम्बर 2024 को दोपहर 02:31 बजे तक।
कौन है भैरवी : माता भैरवी को कालिका ही स्वरूप माना जाता है। इन्हें ही त्रिपुर भैरवी भी कहा जाता है। दुर्गा सप्तशती के अनुसार देवी त्रिपुर भैरवी ने ही महिषासुर नामक दैत्य का वध किया था। कहते हैं कि देवी त्रिपुर भैरवी का संबंध महादेव के उग्र स्वरूप काल भैरव से है। मां भैरवी की चार भुजाएं और तीन नेत्र हैं। उनके बाल खुले हुए रहते हैं। वे लाल वस्त्र पहने हुए मां मुंड माला धारण करती हैं। कालभैरव की तरह उन्हें भी दंडाधिकारी कहा जाता है। श्मशान भूमि, अस्त्र शस्त्र, मृत शव, रक्त, मांस, कंकाल, खप्पर, आदि विध्वंसकारी चीजें देवी को प्रिय हैं। भूत, प्रेत, पिशाच, डाकिनी, भैरव, कुत्ते आदि उनकी सेना हैं।
कौन है माता अन्नपूर्णा : इन्हें मां पार्वती का ही रूप माना जाता है। अन्नपूर्णा स्वरूप से संसार का भरण-पोषण होता है। 'ब्रह्मवैवर्त्तपुराण' के काशी-रहस्य के अनुसार मां भवानी ही अन्नपूर्णा हैं। स्कन्दपुराण के 'काशीखण्ड' अनुसार भगवान विश्वेश्वर गृहस्थ हैं और भवानी उनकी गृहस्थी चलाती हैं। शिवजी ने एक भिक्षु का भेष रखकर माता अन्नपूर्णा से भिक्षा मांगी थी। उसी भिक्षा से उन्होंने धरती वासियों का पेट भरा था।