इस बार पौष माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को भौम प्रदोष व्रत है जो 26 जनवरी 2021 को है। हर महीने की दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है। अलग-अलग दिन पड़ने वाले प्रदोष की महिमा अलग-अलग होती है। सोमवार के प्रदोष को सोम प्रदोष, मंगलवार के प्रदोष को भौम या मंगल प्रदोष कहा जाता है। अन्य वार को आने वाला प्रदोष को उन्हीं के वार नाम से जाना जाता है। सभी का महत्व और लाभ अलग-अलग है।
वर्ष 2021 के में अब कब है भौम प्रदोष : 26 जनवरी के बाद 09 फरवरी, 22 जून, 02 नवंबर और 16 नवंबर 2021 को है भौम प्रदोष।
भौम प्रदोष :
1. मंगलवार को आने वाले इस प्रदोष के दिन व्रत रखने से स्वास्थ्य सबंधी सभी तरह की समस्याओं से मुक्ति पाई जा सकती है।
2. इस दिन प्रदोष व्रत विधिपूर्वक रखने से कर्ज से छुटकारा मिल जाता है। इसके लिए संपूर्ण वर्ष के भौम प्रदोष का विधिवत व्रत रखें।
3. इस दिन हनुमानजी की विधिवत रूप से पूजा करना चाहिए जिससे उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है।
4. प्रदोष तिथि का व्रत माता पार्वती और भगवान शिव को समर्पित है। इसीलिए उनकी पूजा करने से भी मंगल लाभ मिलता है।
5. पुराणों के अनुसार इस व्रत को करने से बेहतर स्वास्थ और लम्बी आयु की प्राप्ति होती है।
प्रदोष कथा : प्रदोष को प्रदोष कहने के पीछे एक कथा जुड़ी हुई है। संक्षेप में यह कि चंद्र को क्षय रोग था, जिसके चलते उन्हें मृत्युतुल्य कष्टों हो रहा था। भगवान शिव ने उस दोष का निवारण कर उन्हें त्रयोदशी के दिन पुन:जीवन प्रदान किया अत: इसीलिए इस दिन को प्रदोष कहा जाने लगा। भौम प्रदोष की कथा हनुमानजी से जुड़ी हुई है। प्रदोष काल में उपवास में सिर्फ हरे मूंग का सेवन करना चाहिए, क्योंकि हरा मूंग पृथ्वी तत्व है और मंदाग्नि को शांत रखता है।