Chaturmas 2025 Ke Niyam:चातुर्मास देवशयनी एकादशी से देव उठनी एकादशी तक रहते हैं। 06 जुलाई 2025 को देवशयनी एकादशी रहेगी और 1 नवंबर 2025 को देव उठनी एकादशी रहेगी। आषाढ़ माह के 15 दिन सहित सावन, भाद्रपद, आश्विन और कार्तिक के 15 दिन मिलाकर चार माह का चातुर्मास रहता है। इन चार माह में की जाने वाली साधना का फल निश्चित मिलता है। यह तप, साधना, भक्ति, प्रवचन सुनने और योग के चार माह रहते हैं। आओ जानते हैं कि इन 4 माह क्या करें और क्या नहीं।
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उक्त 4 माह में विवाह संस्कार, जातकर्म संस्कार, गृह प्रवेश आदि सभी मंगल कार्य निषेध माने गए हैं।
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इन चार माह में पलंग, दरी या गादी पर ना सोएं।
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इन चार माह में पत्नी संग नहीं सोना चाहिए।
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इन चार माह में झूठ बोलना भी वर्जित है।
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इस माह तेल से बनी चीजें, दूध, शकर, दही, तेल, बैंगन, पत्तेदार सब्जियां, नमकीन या मसालेदार भोजन, मिठाई, सुपारी, मांस और मदिरा का सेवन नहीं किया जाता।
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श्रावण में पत्तेदार सब्जियां यथा पालक, साग इत्यादि, भाद्रपद में दही, आश्विन में दूध, कार्तिक में प्याज, लहसुन और उड़द की दाल, आदि का त्याग कर दिया जाता है।
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उक्त चार माह बाल और दाढ़ी नहीं कटवाते। खासकर श्रावण माह में तो सख्त वर्जित है।
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उक्त चार माह में किसी भी प्रकार से क्रोध नहीं करते हैं और संयम का पालन करते हैं। इन 4 महीनों में गुस्सा, ईर्ष्या, अभिमान जैसे भावनात्मक विकारों से बचने की कोशिश की जाती है।
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उक्त चार माह में यदि व्रत धारण करके नियमों का पालन कर रहे हैं तो यात्रा नहीं करते हैं।
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इन चार माह में व्यर्थ वार्तालाप, अनर्गल बातें, मनोरंजन के कार्य आदि त्याग देना चाहिए और बस प्रभु की भक्ति में ही रहना चाहिए।
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पंखा, कूलर और अन्य सुख-सुविधाओं के साधनों के साथ ही टीवी और मनोरंजन की चीजों से दूरी बना ली जाती है।
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इन दिनों में स्वयं के लिए कपड़े और ज्वैलरी नहीं खरीदी जाती।