प्रथम मंगला गौरी व्रत कब रखा जाएगा, क्या है इसका महत्व और 3 अचूक उपाय
प्रथम मंगला गौरी व्रत 2025: तिथि, महत्व और चमत्कारिक उपाय
Shravan Mangala Gauri Vrat : सावन का महीना भगवान शिव और माता पार्वती दोनों की पूजा के लिए समर्पित होता है। इस बार श्रावण महीने का शुभारंभ 11 जुलाई 2025, दिन शुक्रवार से हो गया है और सावन के प्रत्येक मंगलवार को माता गौरी/ पार्वती जी को समर्पित 'मंगला गौरी व्रत' रखा जाता है, जो सुहागिन महिलाओं के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण होता है।
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प्रथम मंगला गौरी व्रत कब रखा जाएगा: हिन्दू पंचांग कैलेडर के अनुसार साल 2025 में सावन का पहला मंगला गौरी व्रत 15 जुलाई 2025, मंगलवार को रखा जाएगा।
इस बार श्रावण कृष्ण पंचमी तिथि का प्रारंभ: 14 जुलाई, सोमवार की रात 11 बजकर 59 मिनट से होगा।
- पंचमी तिथि का समापन: 15 जुलाई, मंगलवार की रात 10 बजकर 38 मिनट पर संपन्न होगा।
अभिजित मुहूर्त- 12:18 पी एम से 01:11 पी एम तक।
अमृत काल- 09:59 पी एम से 11:33 पी एम तक।
मंगला गौरी व्रत का महत्व: मंगला गौरी व्रत का हिन्दू धर्म में विशेष महत्व है। यह व्रत मुख्य रूप से विवाहित महिलाओं द्वारा अपने पति की लंबी उम्र, सुखी वैवाहिक जीवन और अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए रखा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस व्रत को करने से सुहागिन महिलाओं को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। वह व्रत वैवाहिक जीवन में सुख, शांति, प्रेम और समृद्धि बनी रहती है तथा पति को लंबी उम्र और स्वस्थ जीवन का आशीर्वाद मिलता है। संतान प्राप्ति की इच्छा रखने वाली महिलाओं के लिए भी यह व्रत लाभकारी माना जाता है।
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जिन युवतियों या महिलाओं की कुंडली में मंगल दोष होता है, उनके लिए यह व्रत विशेष रूप से फलदायी माना जाता है। इससे मंगल दोष का नकारात्मक प्रभाव कम होता है और विवाह में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं।
जानें मंगला गौरी व्रत के 3 अचूक उपाय:
1. सोलह श्रृंगार और मंत्र जाप: मंगला गौरी व्रत के दिन माता गौरी को 16 श्रृंगार का सामान (जैसे-लाल साड़ी, सिंदूर, चूड़ी, मेहंदी, बिंदी आदि) अर्पित करें। पूजा के दौरान 'ॐ गौरीशंकराय नमः' मंत्र का कम से कम 21 बार जाप करें। यह उपाय मंगल दोष को शांत करने और विवाह में देरी को दूर करने में सहायक होता है। अविवाहित कन्याएं भी शीघ्र विवाह के लिए यह उपाय कर सकती हैं।
2. कन्याओं को भोजन और उपहार: इस दिन 5 या 7 कन्याओं को घर बुलाकर भोजन करवाएं। उन्हें अपनी सामर्थ्यनुसार उपहार (जैसे चूड़ी, बिंदी, रुमाल, फल) भेंट करें। ऐसा करने से वैवाहिक सुख और समृद्धि में वृद्धि होती है और माता गौरी प्रसन्न होती हैं।
3. मंगल ग्रह के बीज मंत्र का जाप और दान: मंगलवार के दिन मंगल ग्रह के बीज मंत्र 'ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः' या 'ॐ अं अंगारकाय नमः' का जाप करें। यह मंत्र मंगल दोष के अशुभ प्रभाव को कम करने में मदद करता है। साथ ही इस दिन लाल मसूर की दाल, लाल वस्त्र, गुड़ या गेहूं का दान करना भी शुभ माना जाता है। यह उपाय विवाह में आने वाली बाधाओं को दूर करने और जीवन में सुख-समृद्धि लाने में सहायक है।
इन उपायों को श्रद्धापूर्वक करने से माता मंगला गौरी की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।
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