Tarpan on Hariyali Amavasya: हिन्दू पंचांग कैलेंडर के अनुसार इस साल हरियाली अमावस्या 24 जुलाई 2025, दिन गुरुवार को मनाई जाएगी। यह श्रावण (सावन) मास की अमावस्या होती है। इस दिन प्रकृति की हरियाली का उत्सव मनाया जाता है और साथ ही पितरों की शांति के लिए विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। इस दिन स्नान, दान और वृक्षारोपण का विशेष महत्व है। आइए जानते हैं... वर्ष 2025 में हरियाली अमावस्या पर करने योग्य उपाय...
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हरियाली अमावस्या: पितृ दोष मुक्ति के 5 अचूक उपाय
पितृ दोष पूर्वजों के असंतुष्ट होने या उनके प्रति उचित सम्मान न देने के कारण उत्पन्न होता है, जिससे व्यक्ति के जीवन में कई तरह की बाधाएं आ सकती हैं। हरियाली अमावस्या पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए एक बहुत ही शुभ और शक्तिशाली दिन माना जाता है। यहां पितृ दोष मुक्ति के 5 अचूक उपाय दिए गए हैं:
1. पितरों का तर्पण और श्राद्ध कर्म:
- उपाय: हरियाली अमावस्या के दिन सुबह किसी पवित्र नदी (जैसे गंगा, नर्मदा) में स्नान करें या घर पर ही पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें। इसके बाद, दक्षिण दिशा की ओर मुख करके अपने पितरों का तर्पण करें। तर्पण में जल, काले तिल और पुष्प मिलाकर पितरों को अर्पित करें। पितृ दोष से मुक्ति के लिए पितृ गायत्री मंत्र का जाप करना भी बहुत प्रभावी होता है। साथ ही श्राद्ध कर्मस्वरूप यदि कुंडली में पितृ दोष अधिक प्रबल हो, तो किसी योग्य ज्योतिषी या पंडित की सलाह पर विधिवत श्राद्ध कर्म (पिंडदान, तर्पण आदि) करवाना चाहिए।
यह पितरों को जल और भोजन पहुंचाने का एक तरीका है, जिससे उनकी आत्मा को शांति मिलती है और वे प्रसन्न होकर आशीर्वाद देते हैं।
2. पीपल के पेड़ की पूजा और वृक्षारोपण:
- उपाय: हरियाली अमावस्या पर पीपल का पेड़ लगाना और उसकी पूजा करना अत्यंत शुभ माना जाता है। यदि आप पेड़ नहीं लगा सकते, तो किसी पीपल के पेड़ के नीचे जाकर जल अर्पित करें, दीपक जलाएं और 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' या 'ॐ पितृभ्यः नमः' मंत्र का जाप करें। पीपल के पेड़ में त्रिदेव (ब्रह्मा, विष्णु, महेश) और पितरों का वास माना जाता है। इस दिन वृक्षारोपण करने से पितर अत्यंत प्रसन्न होते हैं और पितृ दोष शांत होता है।
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3. गरीबों और ब्राह्मणों को दान-भोजन:
- उपाय: इस दिन अपनी सामर्थ्य अनुसार अन्न, वस्त्र या धन का दान करें। किसी गरीब, जरूरतमंद या ब्राह्मण को घर पर बुलाकर भोजन कराएं। भोजन में खीर, पूड़ी, और अपनी पसंद के सात्विक व्यंजन शामिल करें।
दान-पुण्य से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और उनके आशीर्वाद से घर में सुख-समृद्धि आती है।
4. शाम को दीपक जलाना:
- उपाय: हरियाली अमावस्या की शाम को, घर की दक्षिण दिशा में एक दीपक जलाएं। यह दीपक सरसों के तेल का होना चाहिए। कुछ लोग आटे का दीपक बनाकर उसमें सरसों का तेल और काला तिल डालकर जलाते हैं।
यह पितरों को प्रकाश प्रदान करने और उन्हें सम्मान देने का प्रतीक है। इससे पितरों की कृपा मिलती है और घर से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
5. गाय, कुत्ते और कौए को भोजन:
- उपाय: पितरों की शांति और पितृ दोष से मुक्ति के लिए इस दिन गाय, कुत्ते और कौए को भोजन खिलाना चाहिए। रोटी, चावल या अन्य सात्विक भोजन इन्हें दें। इन जीवों को भोजन कराने से पितर प्रसन्न होते हैं, क्योंकि इन्हें पितरों का स्वरूप माना जाता है।
इस तरह हरियाली अमावस्या पर ये उपाय करने से न केवल पितृ दोष से मुक्ति मिलती है, बल्कि प्रकृति के प्रति सम्मान प्रकट होता है और जीवन में सकारात्मकता आती है।
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