Mahesh Jayanti 2023 : इस बार 29 मई 2023, दिन सोमवार को महेश नवमी या जयंती मनाई जा रही है। यदि दिन माहेश्वरी समाज के लिए बहुत खास है, क्योंकि इसी दिन माहेश्वरी समाज की उत्पत्ति हुई थी। हिन्दू पंचांग के अनुसार हर साल ज्येष्ठ माह में शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को महेश नवमी मनाई जाती है।
महेश नवमी (Mahesh Navami) के दिन भगवान शिव और माता पार्वती का पूजन करने से लेकर अपार सुख, धन-संपदा, अखंड सौभाग्य और प्रसन्नता की प्राप्ति होती है। भगवान शिव जी की आज्ञा से ही इस समाज के पूर्वजों ने क्षत्रिय कर्म छोड़कर वैश्य धर्म को अपनाया था। इसलिए आज भी 'माहेश्वरी समाज' के नाम से इसे जाना जाता है।
समस्त माहेश्वरी समाज इस दिन श्रद्धा एवं भक्तिपूर्वक भगवान शिव व मां पार्वती की पूजा-अर्चना करते हैं। इस बार महेश नवमी के दिन भगवान शिव जी का सबसे प्रिय दिन सोमवार पड़ने के कारण इस तिथि का महत्व अधिक बढ़ गया है। आइए यहां जानें-
आइए जानते हैं यहां कैसे करें पूजन--
- भगवान शिव जी पर अक्षतयुक्त गंगाजल चढ़ाएं।
- महेश नवमी के दिन शिवलिंग तथा भगवान शिव परिवार का पूजन-अभिषेक किया जाता है।
- भगवान शिव को पुष्प, गंगा जल और बेल पत्र आदि चढ़ाकर पूजन किया जाता है।
- डमरू बजाकर भगवान शिव की आराधना की जाती है।
- मां पार्वती का पूजन एवं स्मरण करके विशेष आराधना की जाती है।
- जप के पूर्व शिव जी को बिल्वपत्र अर्पित करना चाहिए।
- महेश नवमी कथा पढ़ें अथवा सुनें।
- उनके ऊपर जलधारा अर्पित करना चाहिए।
- आज के दिन शिव जी खास मंत्र-
- इं क्षं मं औं अं।
- नमो नीलकण्ठाय।
- ॐ नमः शिवाय।
- ॐ पार्वतीपतये नमः।
- ॐ ह्रीं ह्रौं नमः शिवाय।
- महेश नवमी के दिन पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके किसी भी मंत्र का जाप 108 बार करना चाहिए। अत: आज के दिन उपरोक्त मंत्रों का जाप करके शिव-पार्वती जी को प्रसन्न किया जाता है।
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