आज 16 दिसंबर को मासिक कार्तिगाई (Masik Karthigai 2021) दीपम पर्व मनाया जा रहा है। यह पर्व खास तौर पर दक्षिण भारत में तमिल समुदाय के लोग बड़े ही धूमधाम से मनाते हैं। इसी दिन उत्तर भारत में यह पर्व प्रदोष व्रत के रूप में मनाया जाता है। दोनों स्थानों पर यह पर्व शिव जी को ही समर्पित है।
इस दिन सच्ची श्रद्धा और भक्ति से शिव-कार्तिकेय का पूजन और उपासना करनी चाहिए। सायंकाल में प्रदोष काल में समय में दीप प्रज्ज्वलित करके भगवान शिव का आह्वान किया जाता है तथा उनसे परिवार की खुशहाली की प्रार्थना की जाती है।
Masik Karthigai tradition तमिल समुदाय के लोग इस दिन शिव जी का ज्योत के रूप में पूजन करके सायंकाल के समय एक पंक्ति में दीये जलाकर ज्योत जलाते हैं, ठीक वैसे ही जैसे हम दिवाली पर्व पर दीये जलाते हैं। मासिक कार्तिगाई के दिन भगवान शिव तथा उनके बड़े पुत्र कार्तिकेय का पूजन-अर्चन करने से जहां जीवन में नवीन ऊर्जा का संचार होता है, वहीं पूजन करने वालों के जीवन से नेगेटिविटी दूर होती है।
इस संबंध में प्राप्त कथा (lord shiva story) एवं मान्यता के अनुसार बहुत समय पहले एक बार भगवान ब्रह्मा और श्री विष्णु के बीच श्रेष्ठता को लेकर विवाद उत्पन्न हो गया। विवाद इतना बढ़ गया कि उसके निपटारे के लिए उस समय भगवान शिवशंकर ने स्वयं को दिव्य ज्योत में बदल लिया था।
तत्पश्चात शिव जी ने ब्रह्म देव और श्रीहरि विष्णु को उस दिव्य ज्योति का सिरा और अंत ढूंढने को कहा। तभी से कार्तिगाई दीपम पर इस पर्व को मनाने का विधान है तथा इस दिन शिव के इसी ज्योति स्वरूप का पूजन किया जाता है। इसके साथ ही गुरु प्रदोष, अनंग त्रयोदशी और प्रदोष पूजन पर शिव जी का विशेष पूजन किया जाएगा।