Dharma Sangrah

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

Mauni Amavasya 2025: मौनी अमावस्या पर क्या है मौन रहने का महत्व?

Advertiesment
हमें फॉलो करें Mauni Amavasya 2025: मौनी अमावस्या पर क्या है मौन रहने का महत्व?

WD Feature Desk

, मंगलवार, 28 जनवरी 2025 (10:38 IST)
Magh Mauni Amavasya : इस बार 29 जनवरी 2025, दिन बुधवार को मौनी अमावस्या मनाई जा रही है। हिन्दू धार्मिक मान्यता के अनुसार मौनी अमावस्या पर मौन रहने का महत्व बहुत गहरा है। यह दिन आध्यात्मिक साधना और आत्म-चिंतन के लिए समर्पित दिवस माना गया है। मौन रहने से हमें अपने भीतर की आवाज को सुनने का मौका मिलता है और हम अपने विचारों को बेहतर ढंग से समझ सकते हैं।ALSO READ: मौनी अमावस्या पर पितरों को शांत करने के लिए करें ये अचूक उपाय

आइए जानते हैं इस दिन के महत्व के बारे में...
 
मौन रहने का महत्व जानें : मौन रहने से मन शांत होता है और हम तनाव और चिंता से मुक्त हो जाते हैं। साथ ही मौन रहने से हमें अपने भीतर की ओर जाने और आत्म-चिंतन करने का अवसर मिलता है। मौन रहने के समय में हम अपनी अंतर्मन की आवाज को स्पष्ट रूप से सुन सकते हैं। इसके जरिए हम ध्यान लगाने तथा अपनी ध्यान केंद्रित करने की क्षमता को बढ़ा सकते हैं। इससे हमारे शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। 
 
मान्यता के अनुसार मौन व्रत आध्यात्मिक विकास के लिए बहुत अधिक महत्वपूर्ण है। इस दिन मौन व्रत रखने से मन शांत होता है और हम आंतरिक शांति प्राप्त करते हैं। इसके अलावा हम मौन रहने के कारण दूसरों के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाते हैं।ALSO READ: Mahakumbh 2025 : मौनी अमावस्या पर दुनिया रह जाएगी दंग, टूट जाएगा श्रद्धालुओं का रिकॉर्ड, जानें क्या इंतजाम
 
मौनी अमावस्या का महत्व क्या हैं : हिन्दू धर्मशास्त्रों में यह दिन बहुत पवित्र कहा गया है। मान्यता के मुताबिक माघ मास की अमावस्या को मौनी, दर्श या माघी अमावस्या के नाम से जाना जाता है। तथा यह दिन भगवान विष्णु को पाने का सरल मार्ग होने के साथ ही माघ मास में मौन रहकर गंगा पुण्य स्नान विशेष महत्व का माना गया है।

यदि हम खास तौर पर मौनी अमावस्या की बात करें तो यह दिन पाप मोचन कहा गया है अर्थात् माना जाता है कि इस दिन मौन व्रत रखने से सभी पाप धुल जाते हैं। साथ ही इस अमावस्या के दिन पितरों का तर्पण करने से पितृ दोष दूर होता है, क्योंकि यह दिन पितृ दोष निवारण के लिए अतिउत्तम माना गया है।
 
यदि आप भी मौनी अमावस्या पर या माघ मास की अमावस के दिन मौन व्रत रखने की सोच रहे हैं तो कुछ सावधानियां बरतना बहुत आवश्‍यक है। जैसे- यदि आपका शारीरिक स्वास्थ्य ठीक नहीं है और आप बीमार हैं तो मौन व्रत न रखें। इस समयावधि में आप दिन में समय-समय पर पानी पीते रहें। मौन व्रत के दौरान मन को शांत रखें और किसी भी प्रकार के विवाद से बचें। मौन व्रत के लिए शांत और एकांत का स्थान चुनें।ALSO READ: 29 जनवरी को मौनी अमावस्या पर महाकुंभ में शाही स्नान पर बन रहा है महा संयोग, स्नान, दान और तर्पण से होगा लाभ
 
अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

Weekly Calendar 2025: साप्ताहिक कैलेंडर हिन्दी में, जानें सप्ताह के सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त