Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

16 अक्टूबर को हो जाएगा पुरुषोत्तम मास समाप्त, जानिए अंतिम दिन कब, क्या दान करें

Advertiesment
हमें फॉलो करें 16 अक्टूबर को हो जाएगा पुरुषोत्तम मास समाप्त, जानिए अंतिम दिन कब, क्या दान करें
Amavasya Ke Daan
 
शुक्रवार, 16 अक्टूबर 2020 को पुरुषोत्तम मास का समापन होगा। इस दिन अमावस्या होने से भी इस दिन का महत्व अधिक माना गया है। पुरुषोत्तम मास में श्रीहरि विष्णु पूजन के साथ तिथि अनुसार दान करने से मनुष्य को कई गुणा अधिक फल प्राप्त होता है। 
 
माना जाता है कि अमावस्या के दिन शिवजी पार्वती के साथ में सपरिवार कैलाश पर रहते हैं। इस दिन रुद्राभिषेक करने से जहां शिव जी की विशेष कृपा प्राप्त होती है और अनंत गुना फल की प्राप्ति होती है। पुरुषोत्तम मास में अपना आचरण अति पवित्र व अच्छे चरित्र को उजागर करने वाला सद्व्यवहार करना चाहिए। 
 
पुरुषोत्तम मास में दिए जाने वाले दान-धर्म बड़ा महत्व है। अत: अगर आपने इस अधिक मास में अभी तक कोई दान नहीं किया है या कर नहीं पाए हैं तो घबराने की कोई बात नहीं। अधिक मास की चतुर्दशी और खास तौर पर अमावस्या यानी पुरुषोत्तम मास आखिरी दिन के दिन नीचे दिए गए दान सामग्री अनुसार आप कोई भी दान करते हैं, तो भी आपको उसका पूरा फल मिल पाएगा। आइए जानें अमावस्या के दिन किन चीजों का करें दान-  
 
यहां पढ़ें दान सामग्री :
 
* प्रतिपदा (एकम) के दिन घी चांदी के पात्र में रखकर दान करें।
 
* द्वितीया के दिन कांसे के पात्र में सोना दान करें।
 
* तृतीया के दिन चना या चने की दाल का दान करें।
 
* चतुर्थी के दिन खारक का दान करना लाभदायी होता है।
 
* पंचमी के दिन गुड एवं तुवर की दाल दान में दें।
 
* षष्टी के दिन अष्ट गंध का दान करें।
 
* सप्तमी-अष्टमी के दिन रक्त चंदन का दान करना उचित होता है।
 
* नवमी के दिन केसर का दान करें।
 
* दशमी के दिन कस्तुरी का दान दें।
 
* एकादशी के दिन गोरोचन या गौलोचन का दान करें।
 
* द्वादशी के दिन शंख का दान फलदाई है।
 
* त्रयोदशी के दिन घंटाल या घंटी का दान करें।
 
* चतुर्दशी के दिन मोती या मोती की माला दान में दें।
 
* पूर्णिमा/अमावस्या के दिन माणिक तथा रत्नों का दान करें।
 
अधिक मास के अमावस्या के दिन इनमें से किसी भी चीजों का दान करके आप पुण्यफल प्राप्त कर सकते हैं। 
 
आइए जानें अमावस्या का समय 
 
शुक्रवार, 16 अक्टूबर 2020 को अश्विन तथा अधिक मास की अमावस्या है। यह अमावस्या 16 अक्टूबर 2020 को सुबह 4.52 मिनट से आरंभ होकर अगले दिन 17 अक्टूबर को सुबह 1.01 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसी मान्यता है कि इस दिन पितृ तर्पण, शिवजी  का पूजन-अर्चन करें तो  सभी मनोकामना जल्द पूरी होती है और दरिद्रता का नाश होकर मनुष्य को शुभ फल प्राप्त होते हैं।


Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

amavasya : अमावस्या पर रखें ये 5 सावधानियां, वर्ना पछताएंगे