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Santan Saptami : कब है संतान सप्तमी व्रत, जानें कैसे करें पूजन

हमें फॉलो करें Santan Saptami : कब है संतान सप्तमी व्रत, जानें कैसे करें पूजन
Santan Saptami : कब है संतान सप्तमी व्रत, जानें कैसे करें पूजन
 
हर वर्ष भाद्रपद महीने की शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को संतान सप्तमी व्रत किया जाता है। इस बार 24 अगस्त को संतान सप्तमी व्रत मनाया जा रहा है, मत-मतांतर के चलते यह पर्व 25 अगस्त 2020, मंगलवार को भी मनाया जाएगा। 
 
इस दिन माता-पिता दोनों या फिर दोनों में से कोई एक व्यक्ति संतान सप्तमी का व्रत एवं पूजा कर सकता है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की विधि-विधान से पूजा की जाती है। यह व्रत संतान की प्राप्ति, उसकी कुशलता और उन्नति के लिए किया जाता है। आइए जानते हैं...
 
जानिए संतान सप्तमी का व्रत करने की विधि -   
 
संतान सप्तमी के दिन सुबह ज्ल्दी उठकर, स्नानादि करके स्वच्छ कपड़े पहनें और भगवान शिव और मां गौरी के समक्ष प्रणाम कर व्रत का संकल्प लें। 
 
अब अपने व्रत की शुरुआत करें और निराहार रहते हुए शुद्धता के साथ पूजन का प्रसाद तैयार कर लें। 
 
इसके लिए खीर-पूरी व गुड़ के 7 पुए या फिर 7 मीठी पूरी तैयार कर लें।
 
यह पूजा दोपहर के समय तक कर लेनी चाहिए। 
 
पूजा के लिए धरती पर चौक बनाकर उस पर चौकी रखें और उस पर शंकर पार्वती की मूर्ति स्थापित करें।
 
अब कलश स्थापित करें, उसमें आप के पत्तों के साथ नारियल रखें। 
 
दीपक जलाएं और आरती की थाली तैयार कर लें जिसमें हल्दी, कुंकुम, चावल, कपूर, फूल, कलावा आदि अन्य सामग्री रखें।
 
अब 7 मीठी पूड़ी को केले के पत्ते में बांधकर उसे पूजा में रखें और संतान की रक्षा व उन्नति के लिए प्रार्थना करते हुए पूजन करते हुए भगवान शिव को कलावा अर्पित करें।
 
पूजा करते समय सूती का डोरा या चांदी की संतान सप्तमी की चूडी हाथ में पहननी चाहिए। 
 
यह व्रत माता-पिता दोनो भी संतान की कामना के लिए कर सकते हैं।
 
पूजन के बाद धूप, दीप नेवैद्य अर्पित कर  संतान सप्तमी की कथा पढ़ें या सुनें और बाद में कथा की पुस्तक का पूजन करें।
 
व्रत खोलने के लिए पूजन में चढ़ाई गई मीठी सात पूड़ी या पुए खाएं और अपना व्रत खोलें।  

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