Vaishakh Maas 2022: 17 अप्रैल से 16 मई 2022 तक हिन्दू माह वैशाख मास रहेगा। इस माह के दौरान दान, पुण्य, श्रीविष्णु और गंगा पूजा, जल का दान, एकादशी का व्रज रखना, गंगा स्नान आदि का महत्व बताया गया है। आओ जानते हैं कि इस माह में कौनसे पुण्य के 20 कार्य किए जा सकते हैं।
1. वैशाख मास में भगवान विष्णु पूजा का विधान है। इस दौरान भगवान विष्णु की तुलसीपत्र से माधव रूप की पूजा की जाती है। न्हें पंचामृत का भोग लगाएं और उस पंचामृत में तुलसी पत्र डालना न भूलें। साथ ही उन्हें सफेद या पीले फूल अर्पित करने चाहिए।
2. इस माह के दौरान आपको- 'ॐ माधवाय नमः'- मंत्र का नित्य ही कम से कम 11 बार जप करना चाहिए। साथ ही भगवान विष्णु के केशव, हरि, गोविंद, त्रिविकरम, पद्मानाभ, मधुसूदन, अच्युत और हृषिकेष नाम का भी ध्यान करें।
3. इसी माह में अक्षय तृतीया के दिन भगवान विष्णु के नर-नारायण का सहित परशुराम और हयग्रीव का अवतार हुआ था। इस माह में नृसिंह भगवान, कूर्म अवतार, मां गंगा, भगवान चित्रगुप्त की पूजा की जाती है।
4. वैशाख माह में अमावस्या, अखातीज और पूर्णिमा के दिन पितरों के निमित्त तर्पण और पिंडदान करना चाहिए। वैशाख माह की कथा में इसी का महत्व बताया गया है। कथा के अनुसार धर्मवर्ण नामक के विप्र ने वैशाख अमावस्या पर विधि विधान से पिंडदान कर अपने पितरों को मुक्ति दिलाई थी। श्राद्ध करने से पितरों का आशीर्वाद मिलता है।
5. इस महीने में भगवान शिवजी की पूजा करने से कई गुना शुभ फल मिलता है और वे जल्द ही प्रसन्न होते हैं।
6. इस माह में जल का दान सबसे बड़ा पुण्य माना गया है। अत: प्याऊ लगाकर राहगीरों को जल जरूर पिलाएं। इस पुण्य कार्य के माध्यम से जातक त्रिदेव की कृपा प्राप्त करता है।
7. इस माह में पंखे का दान करना भी पुण्य का काय है। धूप और परिश्रम से पीड़ित लोगों को जो पंखे से हवाकर शीतलता प्रदान करता है, वह इतने ही मात्र से निष्पाप होकर भगवान का प्रिय हो जाता है। पुराने समय में ताड़ का पंखा दान किया जाता था। इससे ब्रह्मलोक की प्राप्ति होती है।
8. अन्न दान करने से बड़ा कोई पुण्य नहीं। दोपहर में आए हुए ब्राह्मण, अतिथि या भूखे जीव को यदि कोई भोजन करवाए तो उसको अनंत पुण्य की प्राप्ति होती है।
9. शास्त्र कहते हैं कि जो किसी जरूरतमंद व्यक्ति को पादुका या जूते-चप्पल दान करता है, वह यमदूतों का तिरस्कार करके भगवान श्री हरि के लोक में जाता है।
10. निद्रा से दुःख का नाश होता है, निद्रा से थकावट दूर होती है इसलिए जो मनुष्य तिनके या खजूर आदि के पत्तों से बनी हुई चटाई दान करता है, उसके सारे दुखों का नाश हो जाता है और परलोक में उत्तम गति को पाता है।
11. इस माह के विशेष दिनों में नदी, जलाशय या कुंड आदि में स्नान करना चाहिए।
12. इस माह में सूर्य देव को अर्घ्य देकर बहते हुए जल में तिल प्रवाहित करना चाहिए।
13. इस माह में काल सर्प दोष से मुक्ति पाने के लिए भी अमावस्या तिथि पर ज्योतिषीय उपाय किए जाते हैं। अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ पर सुबह जल चढ़ाना चाहिए और संध्या के समय दीपक जलाना चाहिए।
14. शनि से मुक्ति दक्षिण भारत में वैशाख अमावस्या पर शनि जयंती मनाई जाती है। वैशाख अमावस्या पर शनि जयंती भी मनाई जाती है, इसलिए शनि देव तिल, तेल और पुष्प आदि चढ़ाकर पूजन करनी चाहिए।
15. सभी तरह के संकटों से मुक्ति के लिए वैशाख कथा का श्रवण करें और गीता का पाठ करें।
16. वैशाख मास में तेल लगाना, तली-भुनी चीजों को खाना, दिन में सोना, कांस्य के पात्र में भोजन करना, पलंग या खाट पर सोना, घर में नहाना, निषिद्ध पदार्थ खाना, दो बार भोजन करना तथा रात में खाना आदि त्याज माना गया है।
17. वैशाख माह की पौराणिक कथा सुनने से पुण्य की प्राप्ति होती है।
18. इस माह में दान का महत्व बढ़ जाता है। कहते हैं कि यदि आपने पूरे वर्ष कोई भी दान नहीं किया है तो इस माह में करके पूरे वर्ष किए दान का फल प्राप्त कर सकते हैं।
19. वैशाख माह की दोनों एकादशी में व्रत रखना बहुत महत्वपूर्ण और पुण्य का कार्य है।
20. इस माह में गंगा माता की उपासना करना पुण्यदायक है। इसके साथ ही अमावस्या पर शनिदेव की उपासना भी करना चाहिए।