Vighnaraj Sankashti Chaturthi: प्रत्येक माह 2 चतुर्थी रहती है। कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहते हैं। प्रयेक चतुर्थी का नाम अलग अलग होता है। जैसे आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है। जानिए यह चतुर्थी कब रहेगी और क्या है इसका महत्व।
विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी कब है?
02 अक्टूब 2023 सोमवार के दिन रहेगी यह संकष्टी चतुर्थी।
संकष्टी चतुर्थी का महत्व क्या है?
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चतुर्थी (चौथ) के देवता हैं शिवपुत्र गणेश। इस तिथि में भगवान गणेश का पूजन से सभी विघ्नों का नाश हो जाता है।
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संकष्टी चतुर्थी का मतलब होता है संकट को हरने वाली चतुर्थी।
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आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी कहते हैं।
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यानी सभी चतुर्थियों में ये सबसे उत्तम मानी गई है।
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चतुर्थी के व्रतों के पालन से संकट से मुक्ति मिलती है और आर्थिक लाभ प्राप्त होता है।
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संकष्टी के दिन गणपति की पूजा करने से घर से नकारात्मक प्रभाव दूर होते हैं और शांति बनी रहती है।
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ऐसा कहा जाता है कि गणेश जी घर में आ रही सारी विपदाओं को दूर करते हैं और व्यक्ति की मनोकामनाओं को पूरा करते हैं।
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पूरे साल में संकष्टी चतुर्थी के 13 व्रत रखे जाते हैं। सभी व्रत के लिए एक अलग व्रत कथा है।
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यदि चतुर्थी गुरुवार को हो तो मृत्युदा और शनिवार की चतुर्थी सिद्धिदा होती है।
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चतुर्थी के 'रिक्ता' होने का दोष उस विशेष स्थिति में लगभग समाप्त हो जाता है।