नई दिल्ली। जनरल बिपिन रावत का तमिलनाडु के कुन्नूर में MI-17 V5 हेलीकॉप्टर दुर्घटना में निधन हो गया। जनरल रावत भारतीय सेना के चार सितारा जनरल थे। वे भारत के पहले और वर्तमान चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) थे।
16 मार्च 1958 को उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में जनरल बिपिन लक्ष्मण सिंह रावत के परिवार में हमेशा से देश सेवा की परंपरा रही है। उनके पिता भी आर्मी ऑफिसर थे और बतौर लेफ्टिनेंट जनरल रिटायर हुए। उनकी पढ़ाई हिमाचल प्रदेश के शिमला स्थित सेंट एडवर्ड स्कूल और देहरादून के कैमबेरियन हॉल स्कूल में हुई। उन्होंने पुणे के खड़कवासला में नेशनल डिफेंस एकेडमी (NDA) और फिर साल 1978 में वे इंडियन मिलिट्री एकेडमी, से पास आउट हुए। उन्हें स्वोर्ड ऑफ ऑनर जैसा सम्मान भी मिला।
लेफ्टिनेंट जनरल बिपिन रावत को ऊंची चोटियों की लड़ाई में महारत हासिल है और आतंकवाद व उग्रवादी गतिविधियों से निपटने के लिए उन्होंने कई ऑपरेशन चलाए हैं।
फील्ड मार्शल सैम मॉनकेशॉ और जनरल दलबीर सिंह सुहाग के बाद लेफ्टिनेंट जनरल बिपिन रावत तीसरे ऐसे सेना प्रमुख थे, जो गोरखा रेजीमेंट से जुड़े थे। जनरल बिपिन रावत सुरक्षा मामलों पर लिखते भी रहे हैं और उनके आलेख देश के पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहे हैं।
जनरल बिपिन रावत की पत्नी मधुलिका दिल्ली यूनिवर्सिटी से मनोविज्ञान में ग्रेजुएट हैं। मधुलिका सोशल वर्कर हैं और खासकर कैंसर के मरीजों के लिए काम कर रही हैं।
भारत के पहले CDS : 30 दिसंबर 2019 को उन्हें भारत के पहले सीडीएस के रूप में नियुक्त किया गया और 1 जनवरी 2020 से पदभार ग्रहण किया।