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Paris Olympics : टोक्यो ओलंपिक में रो पड़ी थीं मनु भाकर, डिप्रेशन में 1 महीने तक नहीं लगाया पिस्टल को हाथ, पेरिस में ब्रॉन्ज पर लगाया निशाना

जसपाल राणा के जिक्र के बिना मनु भाकर की जीत अधूरी

हमें फॉलो करें Paris Olympics : टोक्यो ओलंपिक में रो पड़ी थीं मनु भाकर, डिप्रेशन में 1 महीने तक नहीं लगाया पिस्टल को हाथ, पेरिस में ब्रॉन्ज पर लगाया निशाना

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

, रविवार, 28 जुलाई 2024 (17:40 IST)
3 साल पहले टोक्यो में अपने पहले ओलंपिक में पिस्टल में खराबी आने के कारण निशानेबाजी रेंज से रोते हुए निकली मनु भाकर (Manu Bhaker) ने जुझारूपन और जीवट की नई परिभाषा लिखते हुए पेरिस (Paris Olympics) में पदक के साथ उन सभी जख्मों पर मरहम लगाया और हर खिलाड़ी के लिए एक नजीर भी बन गईं।
 
टोक्यो ओलंपिक के बाद कुछ दिन डिप्रेशन में रही मनु ने करीब 1 महीने तक पिस्टल नहीं उठाई, लेकिन फिर उस बुरे अनुभव को ही अपनी प्रेरणा बनाया और पेरिस ओलंपिक में 10 मीटर एयर पिस्टल में कांसे के साथ भारत का खाता भी खोला।
 
मनु ओलंपिक के इतिहास में भारत के लिए पदक जीतने वाली पहली महिला निशानेबाज बन गईं। कांटे के फाइनल में जब तीसरे स्थान के लिए उनके नाम का ऐलान हुआ तो उनके चेहरे पर सुकून की एक मुस्कान थी और एक कसक भी कि 0 . 1 अंक और होते तो पदक का रंग कुछ और होता। लेकिन ओलंपिक पदक तो ओलंपिक पदक है, इसलिए भी अहम है क्योंकि पिछले 12 साल से भारतीय निशानेबाज ओलंपिक से खाली हाथ लौट रहे थे।
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जसपाल राणा के बिना जीत अधूरी : अपनी गर्दन के पीछे ‘स्टिल आई राइज’ का टैटू बनवाने वाली मनु की इस कामयाबी की दास्तान उनके गुरू पिस्टल किंग जसपाल राणा के जिक्र के बिना अधूरी रहेगी। राष्ट्रमंडल और एशियाई खेलों में दर्जनों पदक जीत चुके पिस्टल निशानेबाजी के लीजैंड राणा के साथ मनु का खट्टा-मीठा रिश्ता रहा है। वे 2018 एशियाई खेलों से पहले मनु के कोच बने और उनके मार्गदर्शन में मनु ने सीनियर विश्व कप के दस पदक (2018 से 2021) जीते ।
 
फिर मिला गुरु का साथ : टोक्यो ओलंपिक से पहले मार्च 2021 में मनमुटाव के कारण दोनों अलग हो गए थे । पिछले साल मनु ने एक बार फिर द्रोणाचार्य सम्मानित कोच राणा के साथ जुड़ने का फैसला किया और नतीजा सामने है। एक खिलाड़ी के तौर पर जसपाल राणा 1996 के अटलांटा ओलंपिक में 10 मीटर एयर पिस्टल और 50 मीटर एयर पिस्टल के फाइनल में नहीं पहुंच सके थे लेकिन एक गुरु के रूप में उन्होंने यह उपलब्धि हासिल करके अपने कैरियर को भी मुकम्मिल कर लिया।
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पीएम मोदी ने दी बधाई : मनु भाकर के ब्रॉन्ज जीतने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बधाई दी। उन्होंने X पोस्ट पर लिखा- 'यह एक खास जीत है। मनु भाकर शूटिंग में मेडल जीतने वाली पहली महिला बनी हैं...शानदार उपलब्धि।'
 
भारत को 12 साल बाद मेडल : मनु भाकर ने भारत को ओलंपिक में 12 साल बाद शूटिंग का मेडल दिलाया है। भारत को इस खेल में आखिरी ओलिंपिक मेडल 2012 में मिला था। यह शूटिंग में भारत का अब तक का 5वां मेडल है। राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने 2004 में सिल्वर, अभिनव बिंद्रा ने 2008 में गोल्ड और 2012 में विजय कुमार ने सिल्वर और गगन नारंग ने ब्रॉन्ज जीता था।
चेहरे पर थी मुस्कान, कृष्ण के वचन थे याद : मनु का टोक्यो ओलंपिक में इसी स्पर्धा के क्वालिफिकेशन के दौरान पिस्टल में खराबी के कारण आंसुओं के साथ अभियान समाप्त हो गया था लेकिन आज उनके चेहरे पर मुस्कान थी। उन्होंने कहा कि ‘भगवद गीता में कृष्ण अर्जुन से कहते हैं कि ‘तुम अपने कर्म पर ध्यान दो, कर्म के परिणाम पर नहीं।’ बस यही बात मेरे दिमाग में चल रही थी।' Edited by : Sudhir Sharma

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