नई दिल्ली। कोविड-19 महामारी की वजह से लोगों के जीवन में स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका हो गई है। ऐसे में आज देश के स्वास्थ्य सेवा ढांचे में सुधार के लिए ऊंचे बजट आवंटन की उम्मीद की जा रही है। फार्मा क्षेत्र को उम्मीद है कि आगामी बजट में विशेष रूप से शोध एवं विकास तथा नवोन्मेषण के लिए समर्थन दिया जाएगा।
नैटहेल्थ की अध्यक्ष एवं अपोलो हॉस्पिटल्स की कार्यकारी वाइस-चेयरपर्सन प्रीता रेड्डी ने कहा कि महामारी की वजह से देश के स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र के पारिस्थतिकी तंत्र में बड़ा बदलाव आया है।
उन्होंने कहा कि इस वजह से स्वास्थ्य सेवा ढांचे में निवेश बढ़ाने, स्वाथ्यकर्मियों के कौशल विकास और प्रशिक्षण के लिए राष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रम, मेडिकल कॉलेजों की संख्या बढ़ाने, प्रभावी पीपीपी मॉडल और स्थानीय विनिर्माण को प्रोत्साहन देने की जरूरत है।
रेड्डी ने कहा कि इस बार सरकार के लिए ये प्रमुख प्राथमिकताएं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्र की कंपनियां उम्मीद कर रही हैं कि इस बार बजट में क्षेत्र को अतिरिक्त प्रोत्साहन मिलेगा, जिससे उनकी स्थिति में सुधार होगा और साथ ही वे दूसरी व तीसरी श्रेणी के शहरों में विस्तार कर सकेंगी।
फोर्टिस हेल्थकेयर के प्रबंध निदेशक एवं सीईओ आशुतोष रघुवंशी ने कहा कि कोविड-19 महामारी की वजह से स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र के लिए अधिक बजट आवंटन की जरूरत है। उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र न केवल विदेशी मुद्रा आमदनी अर्जित करने बल्कि रोजगार देने की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है।
इंडियन फार्मास्युटिकल अलायंस (IPO) के महासचिव सुदर्शन जैन ने कहा, कुल नीति पारिस्थितिकी तंत्र स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र पर जोर देने वाला और स्वास्थ्य ढांचे के निर्माण पर केंद्रित होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि फार्मा उद्योग शोध एवं विकास तथा नवोन्मेषण के लिए समर्थन और प्रोत्साहन की उम्मीद कर रहा है। (भाषा)