लखनऊ: नए साल के जश्न पर बड़ा इमामबाड़ा में लगा सैलानियों का तांता
नवाबों का शहर कहे जाने वाले लखनऊ की ऐतिहासिक इमारतों में शुमार मशहूर बड़ा इमामबाड़ा में नए साल 2021 का जश्न मनाने के लिए सैलानियों की भीड़ उमड़ पड़ी।
यह इमामबाड़ा लखनऊ की एक ऐतिहासिक धरोहर है। इमामबाड़े के मुख्य द्वार से अंदर प्रवेश करते ही आपको नवाबी तहजीब का एहसास होने लगेगा।
इमामबाड़े की दीवारें नवाबों के रहन-सहन और उनके रुतबों की कहानी कहती नजर आती हैं।
लखनऊ के बड़ा इमामबाड़ा को भूल-भुलैया के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि इसकी बनावट ही ऐसी है। अगर अंदर आपका कोई मित्र या रिश्तेदार बिछड़ गया तो उसे आसानी से ढूंढना मुश्किल हो जाता है।
इस इमामबाड़े का निर्माण नवाब आसफउद्दौला ने सन् 1784 में कराया था इसलिए इसे आसफ इमामबाड़े के नाम से यहां के लोग बुलाते हैं।
इस इमामबाड़े की बनावट देखकर आप हैरत में पड़ जाएंगे कि उस जमाने में भी इमारतें बनाने की कला कितनी समृद्ध थी। इमामबाड़े को बनाने वालों ने कितने करीने से इसे गढ़ा होगा।
बारीकी से देखने पर इसके सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व का सहज ही आभास होता है।
भूल-भुलैया के बारे में कहा जाता है कि इस इमामबाड़े में अनचाहे तौर पर प्रवेश करने वालों के लिए इसे बनाया गया था ताकि अनचाहे मेहमानों और दुश्मनों को रोका जा सके।
यह इमामबाड़ा मुगल स्थापत्य कला का एक बेजोड़ नमूना है।
लखनऊ का इतिहास बहुत पुराना है। पहले इसका नाम लक्ष्मणपुरी, फिर लखनपुरी और बाद में लखनऊ हो गया।