आईटी युग में भी कम नहीं हुआ है करवा चौथ का क्रेज
पाश्चात्य जीवनशैली ने पारंपरिक त्योहारों का आकर्षण भले ही प्रभावित किया हो लेकिन पौराणिक काल से ही पति-पत्नी के बीच असीम प्रेम के प्रतीक रहे 'करवा चौथ' के पर्व का क्रेज साल दर साल बढ़ता जा रहा है।
कार्तिक मास कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाने वाला करवा चौथ पर्व पति के प्रति समर्पण का प्रतीक हुआ करता था लेकिन आज यह पति-पत्नी के बीच के सामंजस्य और रिश्ते की ऊष्मा से दमक और महक रहा है।
आधुनिक दौर भी इस परंपरा को डिगा नहीं सका है बल्कि इसमें अब ज्यादा संवेदनशीलता, समर्पण और प्रेम की अभिव्यक्ति की गहराई दिखाई देती है।
सभी विवाहित स्त्रियां सालभर इस त्योहार का इंतजार करती हैं। करवा चौथ का त्योहार पति-पत्नी के मजबूत रिश्ते, प्यार और विश्वास का प्रतीक है।