शब-ए-बरात पर रातभर हुई इबादत
मुस्लिम समाज के प्रमुख पर्वों में से एक इबादत की रात शब-ए-बरात 1 मई को मनाया गया। इस रात मुस्लिम समुदाय के लोगों ने कब्रिस्तान जाकर अपने पूर्वजों को याद किया और इबादत की।
शब-ए-बरात वह रात है जब मुस्लिम समाज अपने उन नाते-रिश्तेदारों की रूह के लिए खुदा से सुकून मांगता है, जो दुनिया से रूखसत हो चुके हैं और आने वाले दिनों के लिए खुशहाली की दुआ मांगते हैं।
कब्रिस्तान जाकर अपने पूर्वजों की कब्रगाह पर जाकर रौशन कर, फूल मालाएं चढाते हैं और रातभर जागकर नमाज़ एवं कुरआन की आयतें पढ़कर अपने अज़ीज़ों को बख्शते हैं।