डॉ. फारुख अब्दुल्ला भारत के जम्मू-कश्मीर के प्रसिद्ध राजनेता हैं। वे राज्य में मुख्यमंत्री रह चुके हैं। इसके अलावा वे केंद्र सरकार में नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री रह चुके हैं। वे शेख अब्दुल्ला के पुत्र हैं, जो नेशनल कॉन्फ्रेंस पार्टी के दिग्गज नेता और जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री रहे।
प्रारंभिक जीवन : डॉ. फारुख अब्दुल्ला का जन्म जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और पेशे से डॉक्टर शेख अब्दुल्ला के घर 21 अक्टूबर 1937 को जम्मू-कश्मीर के सोउरा में हुआ। इनकी प्रारंभिक शिक्षा श्रीनगर में हुई। इसके बाद उन्होंने जयपुर के एसएमएस मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी की।
पारिवारिक पृष्ठभूमि : फारुख अब्दुल्ला ने 14 सितंबर 1964 को ब्रिटिश मूल की नर्स मोल्ली से विवाह किया। इनकी 3 पुत्रियां एवं 1 पुत्र उमर अब्दुल्ला है।
राजनीतिक जीवन : फारुख अब्दूल्ला के जम्मू-कश्मीर की राजनीति में आने से यहां की राजनीति में बहुत बदलाव आया और वे 1981 में नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष चुन लिए गए। 1982 में उनके पिता की मृत्यु के बाद वे जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री बने।
1984 में राज्यपाल ने फारुख अब्दुल्ला सरकार को बर्खास्त कर दिया और राज्य में प्रो कांग्रेस की सरकार बनी। 1986 में एक बार फिर प्रो कांग्रेस सरकार को बर्खास्त किया गया और 1987 में फारुख अब्दुल्ला ने चुनाव जीतकर नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस के साथ सरकार बनाई।
उसी दौरान राज्य में पाकिस्तानी सैनिकों द्वारा उपद्रव मचाया जा रहा था जिसमें कई निर्दोष मारे गए थे, साथ ही राज्य के गृहमंत्री की बेटी का अपहरण कर लिया गया जिसके कारण राज्य सरकार को बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लगाया गया। 1996 में हुए राज्य विधानसभा चुनाव में एक बार फिर फारुख अब्दुल्ला की सरकार बनी।
2002 में वे पहली बार जम्मू-कश्मीर राज्यसभा के लिए चुने गए और 2009 में हुए लोकसभा चुनाव में वे जीते और यूपीए सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाए गए। इसके बाद वे अगस्त 2013 में जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष बने।