56 साल के नॉन्गथोमबाम बीरेन सिंह के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के साथ ही मणिपुर में पहली बार भाजपा सरकार बन गई है। बीरेन कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार में मंत्री पद संभाल चुके है। पिछले साल अक्टूबर में ही वे कांग्रेस से इस्तीफा देकर भाजपा मे शामिल हुए थे। बीरेन ने फुटबॉल के मैदान से सियासत के मैदान तक का सफर तय किया हैं। वे राष्ट्रीय स्तर के फुटबॉलर रह चुके हैं बाद में उन्होंने पत्रकारिता को अपना करियर बनाया।
राष्ट्रीय स्तर के फुटबॉलर रहे बीरेन ने स्थानीय भाषा में दैनिक अखबार की शुरुआत की थी। अखबार चलाने के लिए उन्हें अपने पिता से विरासत में मिली दो एकड़ जमीन बेचना पड़ी थी। राजनीति में आने के बाद वर्ष 2001 में उन्होंने इस अखबार को दो लाख रुपए में बेच दिया था।
2002 में बीरेन ने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत क्षेत्रीय पार्टी, डेमोक्रेटिक पीपुल्स पार्टी से की। वे राज्य की हेनगांग विधानसभा सीट से विधायक चुने गए वर्ष 2004 के विधानसभा चुनाव से पहले इस पार्टी का विलय कांग्रेस पार्टी में हो गया। वर्ष 2007 और 2012 में हुए चुनाव में भी वे अपनी सीट बरकरार रखने में सफल रहे।
बीरेन मंत्री के रूप में राज्य के कई विभागों का कार्यभार संभाल चुके हैं। बीरेन एक समय मणिपुर के निवर्तमान मुख्यमंत्री इबोबी सिंह के खास सहयोगी थे। अक्टूबर 2016 में बीरेन ने असंतोष जाहिर करते हुए इबोबी सिंह सरकार और कांग्रेस की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। इसके वे भाजपा में शामिल हो गए। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में भी बीरेन हीनगैंग सीट से चुनाव जीते हैं। उन्होंने तृणमूल कांग्रेस के पांगीजम सरतचंद्र सिंह को हराया है।