भोपाल। लोकसभा चुनाव के लिए मध्यप्रदेश में चौथे चरण के लिए अब चुनाव प्रचार अंतिम दौर में है। प्रदेश में चौथे चरण में जिन 8 सीटों पर मतदान होना है उनमें खरगौन और खंडवा लोकसभा सीट भी शामिल है। खरगौन और खंडवा लोकसभा सीट पर क्या है सियासी समीकरण और भाजपा और कांग्रेस किस तरह एक दूसरे को चुनौती दे रहे है आइए देखते है।
खरगौन लोकसभा सीट-आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित खरगौन लोकसभा सीट पर भाजपा ने अपने वर्तमान सांसद गजेंद्र पटेल को दूसरी बार मौका दिया है, जबकि कांग्रेस ने पोरलाल खरते को चुनावी मैदान में उतारा है। आदिवासी वोटर्स के बाहुल्य वाली सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार पोरलाल खरते की आदिवासी वर्ग के बीच गहरी पैठ है और इलाके में खासा सक्रिय आदिवासी संगठन जयस का भी इनको समर्थन प्राप्त है। वहीं दूसरी ओर भाजपा के वर्तमान सांसद औऱ पार्टी के प्रत्याशी गजेंद्र पटेल मोदी के चेहरे पर चुनाव लड़ रहे है वहीं भाजपा का मजबूत संगठन पूरी तरह सक्रिय है। दिलचस्प बात यह है कि खरगौन लोकसभा सीट पर पीएम मोदी के साथ-साथ कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी चुनावी सभा की है।
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खरगौन सीट का सियासी समीकरण-खरगौन लोकसभा सीट में दो जिलों की 8 विधानसभा सीट आती है। इसमें खरगौन जिले की 4 और बड़वानी जिले की 4 विधानसभा सीटें आती हैं। इनमें खरगौन जिले की चार विधानसभा सीटें महेश्वर, कसरावद, खरगौन और भगवानपुरा हैं और बड़वानी जिले की सेंधवा, पानसेमल, बड़वानी और राजपुर। पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने लोकसभा की 8 विधानसभा सीटों में से 5 सीटें जीती थी। वहीं भाजपा को सिर्फ 3 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। खरगौन जिले की 2 सीटों कसरावद और भगवानपुरा विधानसभा सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है और दो सीटें महेश्वर और खरगौन पर भाजपा का कब्जा है। वहीं बड़वानी जिले की तीन विधानसभा सीटें सेंधवा, बड़वानी और राजपुर कांग्रेस ने जीती थी जबकि भाजपा ने पानसेमल सीट जीती थी।
इस हिसाब से खरगौन ऐसा लोकसभा क्षेत्र है जहां विधानसभा चुनाव के हिसाब से कांग्रेस को बढ़त हासिल है लेकिन दूसरी ओर लोकसभा चुनाव में मोदी का चेहरा बड़ा मुद्दा है जिससे कांग्रेस अब पिछड़ती हुई दिख रही है। अगर लोकसभा सीट के आंकड़ों को भी देखा जाए तो 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को खरगौन लोकसभा सीट के आठ विधानसभा सीटों मे से एक भी सीट नहीं मिली थी लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के गजेंद्र पटेल 2 लाख से अधिक वोटों से जीते थे।
खरगौन सीट का जातीय समीकण- आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित खरगौन लोकसभा सीट पर आदिवासी वोटर्स का बाहुल्य है। आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित खरगौन सीट में सर्वाधिक मतदाता भिलाला और बारेला हैं। लोकसभा क्षेत्र में भिलाला वोटर्स की संख्या लगभग 4 लाख है वहीं बारेला समुदाय के मतदाताओं की संख्या 6 लाख हैं। इसके साथ लोकसभा सीट पर 2 लाख मुस्लिम वर्ग के वोटर्स है। इसके साथ पाटीदार, गर्जर, दलित, यादव के साथ सवर्ण वोटर्स की बड़ी संख्या हैं।
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खंडवा लोकसभा सीट- खंडवा लोकसभा सीट पर भाजपा ने अपने वर्तमान सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल को लगातार दूसरी बार मौका दिया है। खंडवा जो एक समय भाजपा के दिग्गज नेता नंदकुमार सिंह चौहान के गढ़ के रुप मे पहचानी जाती थी वहां पर भाजपा ने 2021 में नंदकुमार सिंह चौहान के निधन के बाद ज्ञानेश्वर पाटिल को पहली बार उम्मीदवार बनाया था। तब उपचुनाव में ज्ञानेश्वर पाटिल ने 80 हजार से अधिक वोटों से जीत हासिल की थी। वहीं कांग्रेस ने इस बार लोकसभा चुनाव नरेंद्र पटेल को अपना उम्मीदवार बनाया है। खंडवा लोकसभा सीट कांग्रेस के दिग्गज नेता अरूण यादव के प्रभाव वाली सीट मानी जाती है और उनके भी लोकसभा चुनाव लड़ने की अटकलें थी लेकिन पार्टी ने नरेंद्र पटेल को अपना उम्मीदवार बनाया है।
खंडवा लोकसभा सीट का सियासी समीकरण- खंडवा लोकसभा सीट में आठ विधानसभा क्षेत्र शामिल है। इसमें खंडवा, मांधाता, पंधाना, बुरहानपुर, नेपानगर, भीकनगांव, बड़वाह, बागली विधानसभा सीट शामिल है। पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने आठ लोकसभा सीटों में से 7 सीटों पर जीत हासिल की थी। ऐसे में अगर देखा जाए तो यहां पर भाजपा कांग्रेस पर काफी भारी पड़ती दिख रही है।
खंडवा लोकसभा सीट जातिगत समीकरण- खंडवा लोकसभा के जातीय समीकरण की अगर बात की जाए तो यहां अनुसूचित जाति और जनजाति का खासा दबदबा है। खंडवा लोकसभा सीट एससी-एसटी वर्ग के 8 लाख वोटर्स है। वहीं ओबीसी वोटर्स की संख्या पांच लाख, मुस्लिम वोटर्स की संख्या 3 लाख और सामान्य वर्ग के वोटर्स की संख्या 4 लाख से ज्या है। खंडवा लोकसभा सीट पर आदिवासी वोटर्स की संख्या निर्णायक है।