ध्यान रहे कि कुम्भक की आवृत्तियां शुरुआत में 1-2-1 की होनी चाहिए। उदाहरण के तौर पर यदि श्वास लेने में एक सैकंड लगा है, तो उसे दो सैकंड के लिए अंदर रोके और दो सैकंड में बाहर निकालें। फिर धीरे-धीरे 1-2-2, 1-3-2, 1-4-2 और फिर अभ्यास बढ़ने पर कुम्भक की अवधि और भी बढ़ाई जा सकती है। एक ओंकार उच्चारण में लगने वाले समय को एक मात्र माना जाता है। सामान्यतया एक सेकंड या पल को मात्रा कहा जाता है।