Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

क्यों 144 वर्षों में होता है प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन?

Advertiesment
हमें फॉलो करें क्यों 144 वर्षों में होता है प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन?

अनिरुद्ध जोशी

प्रत्येक तीन वर्षों में कुंभ का आयोजन होता है। इस तरह नासिक, प्रयागराज, हरिद्वार और उज्जैन में तीन तीन वर्षों के चक्र के अनुसार प्रत्येक 12 वर्ष में पूर्ण कुंभ का आयोजन होता है। लेकिन मान्यता के अनुसार प्रयागराज में प्रत्येक 144 वर्षों में महाकुंभ का आयोजन होता है। क्या है इसके पीछे का कारण? आओ जानते हैं।
 
 
कूर्म पुराण के अनुसार अमृत कलश की प्राप्ति हेतु देवता और राक्षसों में बारह दिन तक निरंतर युद्ध चला था। हिंदू पंचांग के अनुसार देवताओं के बारह दिन अर्थात मनुष्यों के बारह वर्ष माने गए हैं इसीलिए कुम्भ का आयोजन भी प्रत्येक बारह वर्ष में ही होता है।
 
 
मान्यता के अनुसार कुम्भ भी बारह होते हैं जिनमें से चार का आयोजन धरती पर होता है शेष आठ का देवलोक में होता है।; इसी मान्यता के अनुसार प्रत्येक 144 वर्ष बाद प्रयागराज में महाकुम्भ का आयोजन होता है जिसका महत्व अन्य कुम्भों की अपेक्षा और बढ़ जाता है।
 
 
प्रयागराज में कुम्भ मेला पौष मास की पूर्णिमा से प्रारंभ होता है। प्रयागराज में कुम्भ मेला विशेष महत्व रखता है। प्रयागराज कुम्भ का विशेष महत्व इसलिए है क्योंकि यह 12 वर्षो के बाद गंगा, यमुना एवं सरस्वती के संगम पर आयोजित किया जाता है। सन् 201 3 में प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन हुआ था क्योंकि उस वर्ष पूरे 144 वर्ष पूर्ण हुए थे। संभवत: अब अगला महाकुंभ 138 वर्ष बाद आएगा।
 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

17 जनवरी 2019 का राशिफल और उपाय...