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पाकिस्तान से पहली बार महाकुंभ आए 50 लोग, भावुक हुए, बयां करने के लिए शब्द नहीं

सेक्टर-9 में स्थित श्रीगुरुकार्ष्णि के शिविर में बातचीत में सिंध से आए गोबिंदराम माखीजा ने बताया कि हमने जब से महाकुंभ मेले के बारे में सुना है, तब से हमारी इच्छा थी कि हम यहां आएं।

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वेबदुनिया न्यूज डेस्क

महाकुंभनगर , गुरुवार, 6 फ़रवरी 2025 (16:11 IST)
Prayagraj Maha Kumbh 2025 : सोशल मीडिया (social media) पर महाकुंभ (Maha Kumbh) की दिव्यता के बारे में देख-सुनकर पाकिस्तान के सिंध प्रांत (Sindh province) के हिंदू श्रद्धालु खुद को यहां आने से रोक न सके। गुरुवार को सिंध से 68 हिंदू श्रद्धालुओं का एक जत्था प्रयागराज (Prayagraj) पहुंचा। सेक्टर-9 में स्थित श्रीगुरुकार्ष्णि के शिविर में बातचीत में सिंध से आए गोबिंदराम माखीजा ने बताया कि हमने जब से महाकुंभ मेले के बारे में सुना है, तब से हमारी इच्छा थी कि हम यहां आएं। हम खुद को यहां आने से रोक नहीं सके।
 
माखीजा ने कहा कि पिछले वर्ष अप्रैल माह में 250 लोग पाकिस्तान से प्रयागराज आए थे और गंगा में डुबकी लगाई थी। इस बार सिंध के 6 जिलों- गोटकी, सक्कर, खैरपुर, शिकारपुर, कर्जकोट और जटाबाल से 68 लोग प्रयागराज पहुंचे हैं जिनमें करीब 50 लोग पहली बार महाकुंभ में आए हैं।ALSO READ: प्रयागराज महाकुंभ 2025 के बाद अगला कुंभ कौन से शहर में होगा?
 
यहां अजब आनंद आ रहा है, बेहद खुशी हो रही है: माखीजा ने कहा कि यहां अजब आनंद आ रहा है, बेहद खुशी हो रही है। यहां का अनुभव बयां करने के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं। कल हम गंगा में डुबकी लगाएंगे। यहां आने पर हमें सनातन धर्म में जन्म लेने के गौरव की अनुभूति हो रही है।
 
11वीं कक्षा की छात्रा सुरभि पहली बार भारत आई सिंध प्रांत के गोटकी से आई 11वीं कक्षा की छात्रा सुरभि ने बताया कि वह पहली बार भारत आई है। उसने कहा कि यहां पहली बार हमें अपने धर्म को गहराई से देखने-जानने का मौका मिल रहा है। बहुत अच्छा लग रहा है।ALSO READ: कढ़ी पकौड़ी भोज के साथ अखाड़ों का महाकुंभ से प्रस्थान, ध्वजाओं की डोर ढीली करनी शुरू कर दी
 
अपनी संस्कृति को देखकर बहुत दिव्य अनुभव हो रहा : वहीं सिंध से आई प्रियंका ने कहा कि मैं पहली बार भारत और इस महाकुंभ में आई हूं। यहां अपनी संस्कृति को देखकर बहुत दिव्य अनुभव हो रहा है। मैं गृहिणी हूं और भारत आना मेरा सबसे बड़ा सौभाग्य है। हम पैदा ही वहां हुए और मुस्लिमों के बीच ही रहे। सिंध प्रांत में हिंदुओं के साथ बहुत भेदभाव नहीं है, जैसा कि मीडिया दिखाती है। लेकिन अपनी संस्कृति को जानने का मौका हमें यहां आकर मिल रहा है।
 
सीएए को लेकर विचार प्रकट किए : भारत में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर अपने विचार प्रकट करते हुए सक्कर जिले से आए निरंजन चावला ने कहा कि सिंध में ऐसा माहौल नहीं है कि लोग भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करें। लेकिन राजस्थान (पाकिस्तान के हिस्से वाला) जैसे कुछ इलाकों में हिंदुओं के लिए थोड़ी मुश्किलें हैं।ALSO READ: Prayagraj Mahakumbh : 25000 आदिवासी लगाएंगे महाकुंभ में डुबकी, धर्म की रक्षा का लेंगे संकल्प
 
अभी वीजा मिलने में 6 महीने लग जाते हैं : निर्माण क्षेत्र में काम करने वाले चावला ने कहा कि मैं भारत सरकार से निवेदन करना चाहूंगा कि वीजा जारी करने की प्रक्रिया थोड़ी आसान की जाए। अभी वीजा मिलने में 6 महीने लग जाते हैं। हालांकि यहां आए जत्थे को सरलता से वीजा दिया गया जिसके लिए हम भारत सरकार को धन्यवाद देते हैं।ALSO READ: महाकुंभ में PM मोदी, रुद्राक्ष की माला पहनकर लगाई संगम में डुबकी
 
अखाड़ों के साधु-संतों से मिलने जाएंगे : चावला ने बताया कि कल रात हम महाकुंभ के इस शिविर में आए और 8 फरवरी को यहां से रायपुर जाएंगे जिसके बाद हम हरिद्वार की यात्रा करेंगे। हमारे जत्थे में लोग 6 अस्थि कलश लेकर आए हैं जिन्हें वे हरिद्वार में विसर्जित करेंगे। चावला ने कहा कि हम लोग आज शाम को अखाड़ों के साधु-संतों से मिलने जाएंगे और पूरे मेला क्षेत्र का भ्रमण करेंगे।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta

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