Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

महाकुंभ 2025: चाबी वाले बाबा और 32 साल से स्नान न करने वाले महाराज बने कुंभ का आकर्षण

हमें फॉलो करें महाकुंभ 2025: चाबी वाले बाबा और 32 साल से स्नान न करने वाले महाराज बने कुंभ का आकर्षण

WD Feature Desk

, शुक्रवार, 10 जनवरी 2025 (16:58 IST)
Mahakumbh 2025: 2025 का महाकुंभ मेला अपने आप में एक अद्भुत अनुभव है। पूरे भारत से यहां साधू संतों का आगमन शुरू हो गया है। संतों का ऐसा अभूतपूर्व जमावड़ा अन्यत्र दुर्लभ है। कुंभ में ऐसे साधू संत भी पहुँचते हैं जिन्हें देख लोग अपने दातों तले उंगली दबा लेते हैं। इस बार के महाकुंभ में भी कई अनोखे साधु संतों ने लोगों का ध्यान खींचा है। इनमें से दो प्रमुख हैं - चाबी वाले बाबा और गंगापुरी महाराज, जो 32 साल से स्नान नहीं करते।  आइये जानते हैं इनकी अनोखी कहानियां।

चाबी वाले बाबा: एक रहस्यमयी व्यक्तित्व
चाबी वाले बाबा महाकुंभ में एक रहस्यमयी व्यक्तित्व के रूप में जाने जाते हैं। उनके हाथ में हमेशा एक चाबी होती है, जिसके बारे में कहा जाता है कि यह किसी गुप्त दरवाजे की चाबी है। कई लोग उनकी चाबी के बारे में उत्सुक रहते हैं और जानना चाहते हैं कि यह किस दरवाजे को खोलती है। चाबी वाले बाबा का मानना है कि यह चाबी हमारे अंदर के दरवाजे को खोलती है, जो हमें आध्यात्मिक ज्ञान की ओर ले जाती है।

गंगापुरी महाराज: 32 साल से स्नान नहीं करने का संकल्प
गंगापुरी महाराज को छोटू बाबा के नाम से भी जाना जाता है। वे असम के कामाख्या पीठ से हैं और 32 साल से स्नान नहीं करते हैं। उन्होंने बताया कि उन्होंने यह संकल्प धर्म के प्रति अपनी निष्ठा दिखाने के लिए लिया है।

ALSO READ: महाकुंभ में क्यों शुभ मानी जाती है महिला नागा साधुओं की उपस्थित, जानिए उनकी अनदेखी दुनिया के बारे में सबकुछ 
महाकुंभ हर 12 साल में एक बार आयोजित किया जाता है और यह हिंदू धर्म का सबसे बड़ा मेला है। महाकुंभ न केवल एक धार्मिक मेला है बल्कि यह एक सांस्कृतिक मेला भी है। यहां देश के विभिन्न हिस्सों से लोग आते हैं और अपनी संस्कृति और परंपराओं को प्रदर्शित करते हैं। महाकुंभ में साधु संतों का विशेष महत्व होता है। वे धर्म और आध्यात्म के प्रतीक होते हैं।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi