Mamta Kulkarni Targets Pandit Dhirendra Shastri: हाल ही में बॉलीवुड अभिनेत्री ममता कुलकर्णी आप की अदालत में बतौर मेहमान पहुंची थी। यहां उन्होंने बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री के लिए एक स्टेटमेंट दिया है। असल में यह विवाद ममता कुलकर्णी के महामंडलेश्वर बनने को लेकर शुरू हुआ। आप की अदालत में उनसे इसी विवाद से जुड़ कुछ सवाल किए गए। शो पर ममता ने खुद को साधक बताया और अपनी 23 साल की कठोर साधना का खुलासा किया। इस शो पर उन्होंने बाबा रामदेव पर भी निशाना साधा। आइये जानते हैं क्या कुछ कहा ममता ने ।
विवाद की शुरुआत
ममता कुलकर्णी को जब किन्नर अखाड़े का महामंडलेश्वर बनाया गया तो इस पर कई धार्मिक हस्तियों ने सवाल उठाए। बाबा रामदेव ने भी इस पर नाराजगी व्यक्त की थी। उन्होंने कहा था कि किसी को एक दिन में संत की उपाधि नहीं मिलती है। इसके लिए सालों की कठोर तपस्या की आवश्यकता होती है।
बाबा रामदेव के लिए क्या कहा ममता ने
ममता कुलकर्णी ने बाबा रामदेव के विरोध को लेकर किए गए सवाल पर कहा, “अब मैं क्या बोलूं बाबा रामदेव को. उनको महाकाल और महाकाली का डर होना चाहिए. मैं उनको उनके ऊपर छोड़ती हूं.”
बागेश्वर धाम का विरोध
बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री ने ममता कुलकर्णी के महामंडलेश्वर बनने का विरोध किया था। उन्होंने कहा था कि किसी भी तरह के बाहरी प्रभाव में आकर किसी को भी महामंडलेश्वर कैसे बनाया जा सकता है। यह पदवी उसी को दी जानी चाहिए जिसके अंदर संत या साध्वी का भाव हो।
ममता कुलकर्णी का जवाब
ममता कुलकर्णी ने बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि उन्होंने 23 साल तक तपस्या की है। उन्होंने धीरेंद्र शास्त्री से कहा, "जितनी उनकी उम्र है उतनी मैंने तपस्या की है। मैं धीरेंद्र शास्त्री से बस इतना कहना चाहती हूं कि अपने गुरु से पूछिए कि मैं कौन हूं और चुपचाप बैठ जाइए।"
अन्य आरोप और जवाब
ममता कुलकर्णी पर यह भी आरोप लगा था कि उन्होंने महामंडलेश्वर का पद खरीद लिया है। इस पर ममता ने कहा कि उनके पास इतने पैसे नहीं हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने केवल 2 लाख रुपये गुरु दक्षिणा दिए हैं।
ममता कुलकर्णी एक बॉलीवुड अभिनेत्री रह चुकी हैं और हाल ही में उन्हें किन्नर अखाड़े का महामंडलेश्वर बनाया गया था। तभी से विवाद की शुरुआत हुई। हिन्दू धर्म के कई बड़े नामों ने इस बात का कड़ा विरोध किया था। इसके बाद उन्हें और महामंडलेश्वर डॉक्टर लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी को पद से हटाए जाने के दावे किए गए थे।