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Prayagraj Mahakumbh : महाकुंभ में दिखेगी 'स्वच्छ सुजल गांव' की तस्वीर, 40 हजार वर्गफुट में सजेगी यह प्रदर्शनी

हमें फॉलो करें Prayagraj Mahakumbh : महाकुंभ में दिखेगी 'स्वच्छ सुजल गांव' की तस्वीर, 40 हजार वर्गफुट में सजेगी यह प्रदर्शनी

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

महाकुंभ नगर (उप्र) , गुरुवार, 9 जनवरी 2025 (18:46 IST)
Prayagraj Mahakumbh News : महाकुंभ 2025 में भाग लेने वाले दुनियाभर के 40 करोड़ से अधिक श्रद्धालु 'स्वच्छ सुजल गांव' अवधारणा के माध्यम से उत्तर प्रदेश के गांवों में उल्लेखनीय परिवर्तन देखेंगे। वे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन एवं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में जल जीवन मिशन के जरिए बुंदेलखंड के गांव-गांव में हर घर जल पहुंचाने की नई तस्वीर से भी रूबरू होंगे। वर्ष 2017 से पहले बदहाल और इसके बाद बदले बुंदेलखंड के बदलाव की गाथा भी दिखेगी।
 
एक बयान के मुताबिक 40000 वर्गफुट में फैली यह प्रदर्शनी समृद्ध उत्तर प्रदेश की एक अनूठी तस्वीर पेश करेगी, जिसमें प्रधानमंत्री आवास, मुख्यमंत्री आवास, ग्राम पंचायत विकास और गांवों में सौर ऊर्जा अपनाने जैसी पहलों पर प्रकाश डाला जाएगा। सरकार का लक्ष्य प्रदर्शनी के माध्यम से राज्य की नई और प्रेरक पहचान पर जोर देना है।
राज्य सरकार के नेतृत्व में ग्रामीण जलापूर्ति एवं नमामि गंगे विभाग ने महाकुंभ 2025 में 'स्वच्छ सुजल गांव' बसाया है। इस गांव का दर्शन 10 जनवरी से 26 फरवरी तक होगा। 'पेयजल का समाधान, मेरे गांव की नई पहचान' विषय पर आधारित यह गांव 40 हजार वर्गफुट इलाके में बसेगा। कभी प्यासे रहे बुंदेलखंड में प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन एवं योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पेयजल की समस्या का समाधान हो गया है।
 
इस गांव में 47 दिन तक अलग-अलग कार्यक्रम भी होंगे। प्रदर्शनी में बुंदेलखंड के ग्रामीण महिलाओं को मंच मुहैया कराया जाएगा, जिसमें वे बदलाव की कहानी भी बयां करेंगी। बांदा, झांसी, चित्रकूट के कई गांवों में पानी न होने के कारण लोगों की शादी नहीं हो पाती थी। पानी ढोने के कारण ललितपुर एवं महोबा के गांवों की महिलाओं के सिर से बाल गायब हो गए थे। शुद्ध पानी से जीवन में आए बदलाव की कहानी को वे बयां करेंगी। यहां हर जानकारी पांच भाषाओं (हिंदी, अंग्रेजी, बांग्ला, तेलगू व मराठी) में मिलेगी।
ग्रामीण जलापूर्ति एवं नमामि गंगे विभाग की तरफ से महाकुंभ में 'जल मंदिर' (प्रदर्शनी) भी बनाया जाएगा। 'जल मंदिर' में भगवान शिव की जटा से गंगा धरती पर आएंगी। इसके जरिए संदेश दिया जाएगा कि जल प्रसाद है, जल जीवनदायी है। इसे बर्बाद न करें, बल्कि इसका संरक्षण करें। 'जल मंदिर' में सुबह-शाम जल आरती भी होगी। इस आरती में जल जीवन मिशन की गाथा, जल संरक्षण का संदेश भी होगा।
'अतिथि देवो भवः' भारत की परंपरा है। स्वच्छ सुजल गांव में आने वाले अतिथियों का नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग सम्मान भी करेगा। आगंतुकों को जूट-कपड़े के बैग में 'जल प्रसाद' भी दिया जाएगा। इसमें संगम का जल, जल जीवन मिशन की डायरी, सफलता/बदलाव की कहानी से जुड़ी अध्ययन सामग्री आदि भी रहेगी। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour

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