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Prayagraj Mahakumbh 2025 : दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन प्रयागराज महाकुंभ, 45 दिन तक 35 करोड़ श्रद्धालुओं के शामिल होने की उम्मीद

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हमें फॉलो करें Prayagraj Mahakumbh 2025 : दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन प्रयागराज महाकुंभ, 45 दिन तक 35 करोड़ श्रद्धालुओं के शामिल होने की उम्मीद

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

लखनऊ/प्रयागराज , रविवार, 12 जनवरी 2025 (17:09 IST)
प्रयागराज में आयोजित होने वाले महाकुंभ-2025 में प्रमुख स्नान की शुरुआत से पहले उत्तरप्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने कहा कि संगम (गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों) के आसपास होने वाले 45 दिवसीय इस महाआयोजन में 35 करोड़ श्रद्धालुओं के शामिल होने की उम्मीद है। सिंह ने यह भी कहा कि मौनी अमावस्या के दौरान, अनुमानित 4-5 करोड़ भक्तों के प्रयागराज में पहुंचने और स्नान में भाग लेने की उम्मीद है।
सिंह ने बताया कि महाकुंभ के लिए राज्य का बजट लगभग 7,000 करोड़ रुपए है। उन्होंने कहा कि पिछला कुंभ स्वच्छता के लिए जाना जाता था। इस बार यह स्वच्छता, सुरक्षा और डिजिटल कुंभ है।" उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव ने पीटीआई को दिए इंटरव्यू में कहा कि 2019 में कुंभ हुआ था। यह महाकुंभ है और पिछले कुंभ में 24 करोड़ श्रद्धालु आए थे जबकि इस बार 35 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है।
 
मुख्य सचिव ने कहा, “व्यवस्था भी उसी के अनुरूप की जा रही हैं। मेले का क्षेत्रफल लगभग 25 प्रतिशत बढ़ा है। इस बार मेला करीब 4,000 हेक्टेयर में लगाया जा रहा है, जबकि पिछले कुंभ में यह करीब 3,200 हेक्टेयर क्षेत्र में लगाया गया था।"
 
साल 2019 के कुंभ से तुलना करते हुए सिंह ने कहा, "इस बार हमने मेला क्षेत्र को 25 सेक्टरों में बांटा है, जबकि 2019 में यह 20 सेक्टर में था। घाटों की लंबाई आठ किलोमीटर (2019 में) से बढ़ाकर 12 किलोमीटर (2025 में) कर दी गई है। पार्किंग क्षेत्र भी 2019 में 1291 हेक्टेयर की तुलना में इस बार बढ़ाकर 1850 हेक्टेयर कर दिया गया है।"
 
उन्होंने कहा, "जब आप 2013 और 2019 में किए गए कार्यों की तुलना करेंगे तो इसमें काफी बदलाव देखेंगे और इस बार आप इसमें काफी सुधार पाएंगे, क्योंकि पैसे के मामले में भी, पिछली बार हमने लगभग 3,500 करोड़ रुपए खर्च किए थे और इस बार यह दोगुना है और हम लगभग 7,000 करोड़ रुपए खर्च कर रहे हैं।”
 
सिंह ने कहा कि भारत सरकार के विभागों ने भी काफी निवेश किया है। रेलवे व राष्ट्रीय राजमार्गों में भी आप सुधार देखेंगे। मौनी अमावस्या की व्यवस्थाओं के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि कुंभ के दौरान मौनी अमावस्या पर हमेशा सबसे अधिक संख्या में श्रद्धालु आते हैं।
 
उन्होंने कहा कि इस बार मौनी अमावस्या (25 जनवरी से 30 जनवरी तक) के दौरान अनुमानित 4-5 करोड़ भक्तों के आने की उम्मीद है, जबकि 2019 में यह आंकड़ा 3-4 करोड़ था।
 
मुख्य सचिव ने कहा कि छह महत्वपूर्ण (प्रमुख स्नान) तिथियां हैं जिन पर अधिक श्रद्धालु और अधिक भीड़ होगी। इसलिए, उन दिनों, एहतियात के तौर पर, राज्य सरकार किसी को भी कोई वीआईपी प्रोटोकॉल नहीं देती है।
 
उन्होंने कहा कि इसलिए, हम सभी वीवीआईपी से अनुरोध करते हैं कि वे उन छह दिनों में न आएं। हम उन्हें उन दिनों आमंत्रित करने का प्रयास करते हैं, जो प्रमुख स्नान के दिन नहीं होते हैं।
 
सिंह ने कहा, "महाकुंभ मेला 2025 में कल्पवासियों की अनुमानित संख्या 15-20 लाख है, जबकि कुंभ मेला 2019 में यह 10 लाख थी।" उनके मुताबिक, पोंटून पुलों की संख्या 2025 में 30 हो गई है जो 2019 में 22 थी। मुख्य सचिव ने बताया कि मेला क्षेत्र की सड़कों की लंबाई 299 किलोमीटर से बढ़ाकर 450 किलोमीटर से अधिक कर दी गई है।
 
सुरक्षा के पहलू पर उन्होंने कहा, "55 से अधिक थाने हैं, और लगभग 45,000 पुलिसकर्मी वहां ड्यूटी पर तैनात किए जा रहे हैं। सोशल मीडिया पर लगातार निगरानी रखने के लिए भी परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है, ताकि कोई भी शरारत न कर सके। अगर सोशल मीडिया पर कुछ भी अप्रिय हो रहा है, तो उसे पहचाना जाना चाहिए, अलग किया जाना चाहिए और उससे निपटा जाना चाहिए।”
 
सिंह ने कहा “भारत सरकार के संस्थानों के साथ राज्य स्तर पर हर बड़े पैमाने पर बैठकें आयोजित की गई। केंद्र और राज्य सरकारों के संस्थानों के बीच बेहतरीन समन्वय है। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण पहले से ही काम कर रहा है, एनडीएमए भी काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि 'आपदा मित्र' को प्रशिक्षित किया गया है।
 
महाकुंभ के डिजिटल पहलू पर टिप्पणी करते हुए मुख्य सचिव ने कहा, "पिछले कुंभ से पहले हमने वहां एकीकृत नियंत्रण और कमान केंद्र (आईसीसीसी) स्थापित किए थे। इस बार इसे और मजबूत किया गया है और पूरे कुंभ क्षेत्र में 3,000 से अधिक कैमरे लगाए गए हैं।”
 
महाकुंभ मेले में विदेशी नागरिकों और राजदूतों के दौरे के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, "पिछले कुंभ में 55-60 देशों से लोग आए थे, क्योंकि कुंभ शुरू होने से ठीक पहले वाराणसी में प्रवासी भारतीय दिवस का कार्यक्रम था, इसलिए वहां से बहुत सारे लोग आए थे। इसके अलावा एक दिन हम दूतावासों के दौरे का आयोजन करते हैं। वह दौरा 30 जनवरी को आयोजित किया जा रहा है।" इनपुट भाषा

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