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महाकुंभ में अध्यात्म का उपदेश दे रहे मुमताज अली, क्या पुनर्जन्म से जुड़ी है ये कहानी

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WD Feature Desk

, बुधवार, 5 फ़रवरी 2025 (14:46 IST)
Mahakumbh 2025: महाकुंभ 2025 में कई अनोखी कहानियां देखने को मिल रही हैं। इसी कड़ी में एक नया नाम मुमताज अली खान भी जुड़ गया है जिन्हें महाकुंभ में अध्यात्मिक उपदेश देता देख हर कोई हैरत में है। एक मुस्लिम परिवार में जन्मे मुमताज अली खान, जिन्हें मधुकर नाथ या श्री एम के नाम से भी जाना जाता है, महाकुंभ में आध्यात्मिक उपदेश दे रहे हैं। आइये वेबदुनिया हिंदी पर आज आपको बताते हैं उनकी अनोखी कहानी और बेमिसाल अध्यात्मिक यात्रा के बारे में। 

कौन हैं श्री एम ?
श्री एम का जन्म 6 नवंबर 1949 को केरल के त्रिवेंद्रम में एक मुस्लिम परिवार में हुआ था। बचपन से ही उन्हें अध्यात्म में गहरी रुचि थी। 19 साल की उम्र में उन्होंने घर छोड़ दिया और हिमालय की ओर चल पड़े। वहां उन्होंने कई संतों से दीक्षा ली और अध्यात्म के मार्ग पर चल पड़े।

करते हैं पुनर्जन्म में विश्वास
अपनी आध्यात्मिक जीवन को याद करते हुए श्री एम कहते हैं कि इस जन्म में उनका सफर 8 साल की उम्र से शुरू हुआ, लेकिन वे पुनर्जन्म में विश्वास रखते हैं। अपने इस विश्वास के बारे में वे बताते हैं कि त्रिवेंद्रम में उनके गुरु महेश्वर नाथ बाबा ने उन्हें मात्र 8 साल की उम्र में आध्यात्मिक शिक्षा के लिए चुना। इससे साबित होता है कि हमारे बीच पिछले जन्म का कोई संबंध रहा होगा। वे बताते हैं कि बचपन में अध्यात्म का अलख जगाने के बाद महेश्वरनाथ अदृश्य हो गए और करीब 10 साल बाद फिर से बद्रीनाथ की गुफाओं में उनसे मिले।

कैसे बने मुमताज अली से मधुकर नाथ 
हिमालय में रहते हुए श्री एम ने कई संतों से दीक्षा ली और अध्यात्म के गूढ़ रहस्यों को जाना। उन्होंने ध्यान, योग और वेदांत का गहरा अध्ययन किया। धीरे-धीरे, वे एक आध्यात्मिक गुरु के रूप में उभरे और लोगों को आध्यात्मिक मार्ग दिखाने लगे। अब लोग उन्हें मुमताज अली नहीं बल्कि मधुकर नाथ के नाम से जानने लगे।   


सत्संग फाउंडेशन की स्थापना और पद्मभूषण पुरस्कार  
श्री एम ने सत्संग फाउंडेशन की स्थापना की है। इस फाउंडेशन के माध्यम से वे दुनिया भर में लोगों को आध्यात्मिक शिक्षा देते हैं। 2020 में उन्हें उनके योगदान के लिए पद्मभूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। श्री एम का मानना है कि सभी धर्म एक हैं और सभी मनुष्य एक हैं। वे कहते हैं कि हमें सभी धर्मों का सम्मान करना चाहिए और एक-दूसरे के साथ प्रेम और भाईचारे का भाव रखना चाहिए।

राष्ट्रपति भी हैं श्री एम के मुरीद
इसी पाठशाल में राष्ट्रपति कोविंद ने बच्चों से मुलाकात की और उन्हें योग के फायदे बताए। वे खुद भी श्री एम से बहुत प्रभावित हुए। 

महाकुंभ में दे रहे आध्यात्मिक जागरण का संदेश 
महाकुंभ में श्री एम की उपस्थिति ने सभी को आश्चर्यचकित कर दिया। एक मुस्लिम व्यक्ति का हिंदू धर्म के सबसे बड़े मेले में अध्यात्म का उपदेश देना एक अनोखा दृश्य था। श्री एम ने अपने सत्संगों के माध्यम से लोगों को एकता, भाईचारे और आध्यात्मिक जागरण का संदेश दिया।




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