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पंजाब : CM चन्नी के बाद अब BJP भी नहीं चाहती 14 फरवरी को वोटिंग, चुनाव आयोग को खत में बताई वजह

हमें फॉलो करें पंजाब : CM चन्नी के बाद अब BJP भी नहीं चाहती 14 फरवरी को वोटिंग, चुनाव आयोग को खत में बताई वजह
, रविवार, 16 जनवरी 2022 (22:28 IST)
चंडीगढ़। भाजपा और उसके सहयोगियों पंजाब लोक कांग्रेस (पीएलसी), शिरोमणि अकाली दल (संयुक्त) ने निर्वाचन आयोग से गुरु रविदास जयंती के मद्देनजर पंजाब में 14 फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनाव की तारीख आगे बढ़ाने की अपील की है। इससे पहले बसपा और मुख्यमंत्री चरणजीतसिंह चन्नी ने भी निर्वाचन आयोग से इसी तरह का अनुरोध किया था।
गुरु रविदास की जयंती 16 फरवरी को है। भाजपा की पंजाब इकाई के महासचिव सुभाष शर्मा ने रविवार को मुख्य निर्वाचन आयुक्त को लिखे एक पत्र में चुनाव की तारीख आगे बढ़ाने की मांग करते हुए कहा कि राज्य में अनुसूचित जाति (एससी) समुदाय सहित गुरु रविदास जी के अनुयायियों की अच्छी खासी आबादी है, जो पंजाब की आबादी का लगभग 32 प्रतिशत है।
 
शर्मा ने लिखा है कि इस पावन अवसर पर लाखों श्रद्धालु उत्तरप्रदेश के बनारस में गुरुपर्व मनाने के लिए जाएंगे। इस कारण से उनके लिए मतदान प्रक्रिया में भाग लेना संभव नहीं होगा, इसलिए आप सभी से अनुरोध है कि मतदान की तिथि को आगे बढ़ाया जाए ताकि पंजाब के ये मतदाता चुनाव प्रक्रिया में भाग ले सकें।
 
पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाली पंजाब लोक कांग्रेस (पीएलसी) ने भी चुनाव एक सप्ताह के लिए टालने की मांग का समर्थन किया है। पीएलसी के महासचिव कमल सैनी ने निर्वाचन आयोग को लिखे एक पत्र में कहा कि पंजाब से हर साल गुरु रविदास जयंती के आसपास हजारों की संख्या में लोग बनारस जाते हैं। 
 
चूंकि, चुनाव गुरु रविदास जयंती से दो दिन पहले निर्धारित हैं, इसलिए कई मतदाताओं अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने के अवसर से वंचित हो सकते हैं क्योंकि वे वार्षिक तीर्थयात्रा के लिए बनारस जाएंगे। पीएलसी नेता ने कहा कि आयोग के लिए पंजाब में चुनाव की तारीख फिर से निर्धारित करने में मुश्किल नहीं होगी, क्योंकि बाकी सब कुछ वैसा ही रहेगा।
 
शिरोमणि अकाली दल (संयुक्त) के प्रमुख सुखदेव सिंह ढींडसा ने भी निर्वाचन आयोग को लिखे पत्र में मतदान की तारीख आगे बढ़ाने की मांग की। मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने 13 जनवरी को निर्वाचन आयोग से मतदान की तारीख छह दिन के लिए आगे बढ़ाने का आग्रह किया था ताकि, अनुसूचित जाति के 20 लाख लोग राज्य विधानसभा चुनाव में अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकें।
 
अनुसूचित जाति वर्ग से आने वाले मुख्यमंत्री चन्नी ने कहा था कि 10 से 16 फरवरी तक राज्य से बड़ी संख्या में अनुसूचित जाति के श्रद्धालुओं के उत्तर प्रदेश के बनारस जाने की संभावना है। ऐसे में इस समुदाय के कई लोग राज्य विधानसभा चुनाव में वोट नहीं डाल पाएंगे।
 
बसपा की पंजाब इकाई के प्रमुख जसवीर सिंह गढ़ी ने सबसे पहले मतदान की तारीख आगे बढ़ाने की मांग की थी। उन्होंने आयोग से 14 फरवरी के बजाय 20 फरवरी को मतदान कराने का अनुरोध किया था। पंजाब की 117 विधानसभा सीटों के लिए 14 फरवरी को मतदान होना है और मतगणना 10 मार्च को होगी।

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