देहरादून। भाजपा-कांग्रेस के टिकटों के ऐलान से पहले उत्तराखंड में कभी भी एक और सियासी भूचाल आ सकता है। इस सियासी भूचाल का केंद्र कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत हो सकते हैं। सूत्रों की मानें तो कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत दिल्ली के लिए रवाना हो गए हैं और 4 विधायक समेत कल यानी सोमवार को कांग्रेस में शामिल होंगे।
हरक सिंह रावत राजनीतिक मौसम विज्ञानी माने जाते हैं और वे उसी दल में शामिल होते हैं जो सरकार बनाने वाली होती है। उत्तराखंड का सियासी इतिहास भी इसका साक्षी है। कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत लम्बे समय से बीजेपी में असहज महसूस कर रहे हैं।
शनिवार को हुई भाजपा कोर कमेटी और चुनाव समिति की बैठकों से भी वे नदारद मिले। हालांकि हरक सिंह ने इस पर बयान दिया था कि पार्टी से कोर कमेटी की बैठक के लिए उन्हें कोई निमंत्रण नहीं दिया गया। इससे पहले भी कैबिनेट बैठक के दौरान वे कोटद्वार में मेडिकल कॉलेज के मुद्दे पर इस्तीफा देने का ऐलान कर चुके थे।
हालांकि पार्टी ने उनको बाद में मना लिया था। लेकिन बताया जा रहा है कि हरक सिंह रावत अपनी बहू अनुकृति गुसांई के लिए लैंसडौन से टिकट चाहते हैं। शायद पार्टी ने उनकी इस बात को नहीं माना। वहीं लैंसडौन के विधायक दिलीप रावत भी लगातार हरक सिंह रावत के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं।
सूत्रों के मुताबिक अपनी बहू अनुकृति गुसांई और अपने साथ लोगों को टिकट की शर्त माने जाने के बाद ही वो कांग्रेस में शामिल हो रहे हैं।कांग्रेस सूत्र बताते हैं कि हरक सिंह को कांग्रेस डोईवाला और अनुकृति को लैंसडाउन से टिकट दे सकती है।
यह माना जा रहा है कि हरक के कांग्रेस में जाने से कांग्रेस के सत्ता में आने का बन रहा नैरेटिव और मजबूत होने से उसे इसका लाभ मिल सकता है। सूत्र बताते हैं कि हरीश रावत से भी इस बारे में हरी झंडी मिल गई है।