चंडीगढ़। पंजाब में कई किसान संगठनों का राजनीतिक दल 'संयुक्त समाज मोर्चा' (एसएसएम) 2022 के राज्य विधानसभा चुनाव में राजनीतिक प्रभाव नहीं छोड़ पाया। किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल की अगुवाई वाला संगठन पंजाब में एक भी सीट पर जीत हासिल नहीं कर सका, जहां आम आदमी पार्टी प्रचंड जीत की ओर अग्रसर है।
केंद्र सरकार के अब वापस लिए जा चुके तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर लगभग एक साल तक चले प्रदर्शनों की सफलता से अभिभूत अनेक किसान संगठनों ने पिछले साल दिसंबर में राजनीतिक बदलाव की बात करते हुए चुनावी राजनीति में उतरने का मन बनाया था।
उन्होंने हरियाणा भारतीय किसान यूनियन (चड़ूनी) के नेता गुरनाम सिंह चड़ूनी की संयुक्त संघर्ष पार्टी के साथ गठबंधन करके 20 फरवरी का चुनाव लड़ा था। प्रमुख किसान नेता राजेवाल ने कहा था कि पंजाब की जनता की मांग और दबाव के कारण किसान संगठनों ने राजनीति में उतरने का फैसला किया।
राजेवाल (79) समराला विधानसभा से चुनाव लड़े, लेकिन हार गए। धरातल पर जनता से अपार समर्थन मिलने के दावों के बावजूद एसएसएम चुनाव में संघर्ष करता हुआ दिखाई दिया।(भाषा)