राजस्थान में आज होने वाली विधायक दल की बैठक से पहले मुख्यमंत्री फेस को लेकर एक बार फिर अटकलें तेज हो गई हैं। हालांकि छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में ऐन मौके पर मुख्यमंत्री पद के लिए जो चेहरा सामने आया, उससे सभी कयास धराशायी हो गए। इस बीच, केन्द्रीय पर्यवेक्षक राजनाथ सिंह और उनके दो सहयोगी भी जयपुर पहुंच गए हैं। हालांकि यह राज तभी खुलेगा जब सीएम फेस का नाम सामने आएगा।
और लंबी हुई सूची : राजस्थान में तेजी से बदलते घटनाक्रम के बीच मुख्यमंत्री पद के लिए कई चेहरे दौड़ में हैं। सबसे मजबूत दावेदारी दो बार की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की बताई जा रही है। इनके अलावा केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, बाबा बालकनाथ, दीया कुमारी का नाम भी सुर्खियों में हैं।
इस बीच, केन्द्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और कैलाश चौधरी के आवासों की सुरक्षा बढ़ाए जाने के बाद लोगों का ध्यान उस तरफ भी चला गया है। माना जा रहा है कि इनमें से भी कोई मुख्यमंत्री बन सकता है। हलचल तो पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधर के आवास पर भी हैं। उन्होंने हवाई अड्डे पर पहुंचकर राजनाथ समेत अन्य पर्यवेक्षकों को भी रिसीव किया। इस दौरान पार्टी के अध्यक्ष सीपी जोशी भी थे।
चौधरी का नाम भी चर्चा में : जातिगत समीकरणों की बात करें अर्जुनराम मेघवाल दलित समुदाय से आते हैं, जबकि कैलाश चौधरी जाट हैं। राजस्थान में जाट मतदाता कई सीटों पर निर्णायक स्थिति में हैं। चौधरी का नाम इसलिए चर्चा में आया है क्योंकि उन्हें भी दिल्ली से जयपुर बुलाया गया है। इनके अलावा शेखावत और दीया कुमारी राजपूत हैं, जबकि अश्विनी वैष्णव ब्राह्मण हैं। बालकनाथ हिन्दू धर्मगुरु होने के साथ ही ओबीसी यादव समुदाय से आते हैं।
मप्र, छग का फॉर्मूला राजस्थान में भी : यह माना जाना जा रहा है कि छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश की तर्ज पर राजस्थान में भी 1+2 का फॉर्मूला ही लागू किया जाएगा। अर्थात मुख्यमंत्री के साथ 2 डिप्टी सीएम। राजस्थान में इन्हीं चेहरों में से कोई एक मुख्यमंत्री हो सकता है और इन्हीं में से डिप्टी सीएम भी। डिप्टी सीएम के लिए सवाई माधोपुर से विधायक बने किरोड़ी लाल मीणा का नाम भी है। दरअसल, मीणा समुदाय से करीब 20 से ज्यादा विधायक (दोनों पार्टियों से) विधानसभा पहुंचते हैं।
Edited by: Vrijendra singh Jhala