Swearing in ceremony in Rajasthan on 15th December : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़े और पहली बार के विधायक भजनलाल शर्मा (Bhajanlal Sharma) राजस्थान के नए मुख्यमंत्री होंगे। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक दल की मंगलवार को यहां हुई बैठक में शर्मा को विधायक दल का नेता चुना गया। इसके साथ ही राज्य में नए मुख्यमंत्री को लेकर कई दिनों से चल रही अटकलों पर विराम लग गया।
पार्टी द्वारा विधायक प्रेमचंद बैरवा व दीया कुमारी को राजस्थान का उपमुख्यमंत्री बनाने की घोषणा की गई है। वासुदेव देवनानी विधानसभा अध्यक्ष होंगे। पार्टी सूत्रों ने बताया कि शपथ ग्रहण समारोह 15 दिसंबर को होने की संभावना है। शर्मा से पहले राजस्थान में ब्राह्मण समुदाय से आने वाले आखिरी मुख्यमंत्री लगभग 33 साल पहले हरिदेव जोशी थे।
जो दिसंबर 89 से मार्च 1990 तक मुख्यमंत्री रहे। शर्मा ने विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद पहली प्रतिक्रिया में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में राजस्थान का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ही है जो उनके जैसे साधारण कार्यकर्ता को मौका देती है।
शर्मा बाद में पार्टी के अन्य नेताओं के साथ राजभवन में राज्यपाल कलराज मिश्र से मिले। पार्टी की ओर से सरकार बनाने का दावा पेश किया गया। पार्टी सूत्रों ने बताया कि शपथ ग्रहण समारोह 15 दिसंबर को होने की संभावना है।
पार्टी विधायक दल की बैठक यहां पार्टी मुख्यालय में हुई। इसमें पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने विधायक दल के नेता के रूप में भजनलाल शर्मा के नाम का प्रस्ताव रखा जिसे विधायक दल ने स्वीकार कर लिया। बैठक में भाजपा के केंद्रीय पर्यवेक्षक - रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और दो सह-पर्यवेक्षक विनोद तावड़े और सरोज पांडे मौजूद थे।
राजनाथ सिंह ने मीडिया को बताया कि विधायक दीया कुमारी व प्रेम चंद बैरवा उपमुख्यमंत्री होंगे। वहीं, वासुदेव देवनानी विधानसभा अध्यक्ष होंगे। उन्होंने कहा कि देवनानी, किरोड़ी लाल मीणा, मदन दिलावर और जवाहर बेढम इस प्रस्ताव को स्वीकार करने वाले पहले व्यक्ति थे। राजनाथ सिंह ने कहा कि मैं आश्वस्त हूं कि भजनलाल के नेतृत्व में राजस्थान प्रगति के पथ पर तेजी से आगे बढ़ेगा।
राज्य में विधानसभा की 200 में 199 सीटों पर हुए चुनाव में भाजपा को 115 सीटों पर जीत मिली। कांग्रेस को 69 सीटें मिलीं। राज्य की करणपुर सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी के निधन के कारण चुनाव स्थगित कर दिया गया था। वहां अब पांच जनवरी को मतदान होगा।
भजनलाल भाजपा के प्रदेश महासचिव हैं। उनके पास राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर की डिग्री है। शर्मा (56) ने जयपुर की सांगानेर सीट 48,081 वोटों के अंतर से जीती है। वह भरतपुर जिले के रहने वाले हैं।
रोचक बात यह है कि पार्टी के विधायक दल में विधायक दल के नेता के रूप में शर्मा के नाम का प्रस्ताव पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने किया जिन्हें खुद मुख्यमंत्री पद की दौड़ में शामिल माना जा रहा था। इस तरह से शर्मा भाजपा की ओर से उन तीन विधायकों की कतार में शामिल हो गए हैं जिन्हें पार्टी ने तमाम दिग्गजों को दरकिनार कर मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी सौंपी है।
पार्टी इससे पहले छत्तीसगढ़ में विष्णुदेव साय तथा मध्य प्रदेश में मोहन यादव को भी इसी तरह इस पद के लिए चुन चुकी है। राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में सात नवंबर से 30 नवंबर के बीच चुनाव हुए थे। तेलंगाना में कांग्रेस और मिजोरम में जोरम पीपुल्स मूवमेंट को जीत मिली।
बाद में भजनलाल शर्मा ने किसान के बेटे को 'मौका' देने के लिए भाजपा नेतृत्व को धन्यवाद दिया और कहा कि पार्टी अपने कार्यकर्ताओं का ख्याल रखती है।
उन्होंने भाजपा कार्यालय में संवाददाताओं से कहा कि मेरे जैसे छोटे से, संगठन के एक कार्यकर्ता को ये सम्मान दिया है...ये सिर्फ भाजपा है जो एक कार्यकर्ता को मौका देती है। मैं गांव के एक किसान का बेटा हूं और मुझे यह मौका दिया है, इसके लिये मैं प्रदेश व केंद्रीय नेतृत्व का धन्यवाद देना चाहता हूं।
शर्मा के आगामी मुख्यमंत्री होने की खबर सामने आते ही जयपुर में उनकी सोसायटी के लोगों ने जश्न मनाया। लोग उनके परिवार के सदस्यों को बधाई देने के लिए पहुंचे। शर्मा अपनी पत्नी और बेटे अभिषेक व कुणाल के साथ जवाहर सर्कल के पास अपार्टमेंट की सातवीं मंजिल पर रहते हैं।
इस बीच शर्मा के परिवार के सदस्यों के लिए सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। यह परिवार जल्द ही मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास में रहने जाएगा। विधायक दल की बैठक से पहले एक ग्रुप फोटो ली गई और इसमें शर्मा आखिर की एक पंक्ति में खड़े नजर आ रहे हैं।
शर्मा व अन्य नेता बाद में राजभवन में राज्यपाल मिश्र से मिले। शर्मा के साथ केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह व प्रह्लाद जोशी तथा पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भी थीं। राजभवन के बयान के अनुसार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सी.पी. जोशी ने राज्यपाल को राजस्थान में मुख्यमंत्री के रूप में भजनलाल शर्मा के नाम का पत्र प्रस्तुत किया। उन्हें विधायक दल का नेता चुने जाने संबंधी पत्र भी सौंपा।
उल्लेखनीय है कि बीते दो दशक में पहली बार भाजपा की ओर से राजस्थान में कोई नया चेहरा मुख्यमंत्री होगा। इससे पहले वसुंधरा राजे 2003 से 2008 और 2013 से 2018 तक दो बार मुख्यमंत्री पद पर रह चुकी हैं। पार्टी द्वारा राज्य की कमान जिन तीन नेताओं को दी गई है, वे जयपुर या आसपास से चुने गए हैं। भावी मुख्यमंत्री जयपुर की सांगानेर सीट से विधायक हैं तो भावी उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी जयपुर की विद्याधरनगर से और भावी उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा जयपुर के पास दुदू सीट से विधायक हैं।
शर्मा ब्राह्मण समुदाय से आते हैं जबकि दीया कुमारी राजपूत समुदाय से और बैरवा दलित समुदाय से आते हैं। वहीं, भावी विधानसभा अध्यक्ष देवनानी सिंधी समुदाय से आते हैं। दीयाकुमारी दूसरी बार विधायक बनी हैं और एक बार सांसद रह चुकी हैं। इस बार उन्होंने विद्याधरनगर से 71,368 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की। वह 2013 में सवाई माधोपुर से पहली बार विधायक बनीं। 2019 में वह राजसमंद से सांसद चुनी गईं।
कुमारी ने संवाददाताओं से कहा कि भाजपा सरकार राजस्थान को एक विकसित राज्य बनाने के लिए काम करेगी। उन्होंने उपमुख्यमंत्री बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और पार्टी आलाकमान को धन्यवाद दिया।
प्रेम चंद बैरवा को भी दीयाकुमारी के साथ उपमुख्यमंत्री घोषित किया गया है। उन्हें भाजपा में दलित चेहरे के रूप में जाना जाता है। वह दूसरी बार के विधायक हैं। उन्होंने दुदू सीट पर कांग्रेस के बाबू लाल नागर को 35,743 वोटों के अंतर से हराया। उन्होंने जयपुर में राजस्थान विश्वविद्यालय से पीएचडी की उपाधि प्राप्त की है।
वहीं, अजमेर उत्तर से जीते देवनानी पूर्व मंत्री हैं। पांच बार के विधायक देवनानी इंजीनियरिंग में स्नातक हैं और राजनीति में प्रवेश करने से पहले, वह उदयपुर के सरकारी पॉलिटेक्निक कॉलेज में व्याख्याता थे। देवनानी ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष के रूप में उनकी प्राथमिकता विधानसभा में सार्थक बहस सुनिश्चित करनी होगी।
देवनानी ने कहा कि सभी को साथ लेकर सदन चलाना मेरी प्राथमिकता होगी। घोषणा के तुरंत बाद, शर्मा के आवास पर जश्न शुरू हो गया। भजनलाल शर्मा की पत्नी ने जयपुर स्थित आवास पर मीडिया से कहा कि मैं जनता और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को धन्यवाद देती हूं। बाद में शर्मा ने मोती डूंगरी गणेश मंदिर में पूजा-अर्चना की। उन्होंने गोविंद देवजी मंदिर के भी दर्शन किए। इसके बाद वह आरएसएस कार्यालय भी गए।(भाषा)
Edited by: Ravindra Gupta