नई दिल्ली। राजस्थान में मुख्यमंत्री पद की दावेदारी को लेकर गुटबाजी की खबरों के बीच कांग्रेस महासचिव एवं राज्य प्रभारी अविनाश पांडे ने कहा है कि आगामी विधानसभा चुनाव राहुल गांधी के नेतृत्व में लड़ा जाएगा और मुख्यमंत्री का फैसला चुनाव के बाद होगा। पांडे ने पूर्व केंद्रीय मंत्री लालचंद कटारिया के एक हालिया बयान की ओर इशारा करते हुए यह भी कहा कि पार्टी का अनुशासन तोड़ने वालों को भविष्य में कोई जिम्मेदारी नहीं दी जाएगी।
उन्होंने भाषा के साथ बातचीत में कहा कि चुनाव से पहले मुख्यमंत्री पद के लिए कोई चेहरा पेश नहीं होगा। चुनाव राहुल गांधी के नेतृत्व में होगा। इसमें सभी नेताओं का सामूहिक योगदान होगा। एक अन्य सवाल के जवाब में पांडे ने कहा कि जनता कांग्रेस को जिताने का मन बना चुकी है। ऐसे में चुनाव में जीत के बाद मुख्यमंत्री का फैसला होगा। इसमें कोई संदेह नहीं है। दरअसल, हाल के दिनों में ऐसी खबरें आईं हैं जिनसे यह संकेत मिलता है कि अशोक गहलोत, सचिन पायलट और सीपी जोशी तीनों मुख्यमंत्री पद की दबी जुबान में दावेदारी कर रहे हैं।
पिछले दिनों कटारिया ने गहलोत को मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित करने की वकालत करते हुए सार्वजनिक तौर पर कहा था कि यदि चुनाव में प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट को नेतृत्व सौंपा गया तो कांग्रेस राजस्थान में जीती-जिताई बाजी हार जाएगी। कांग्रेस के राजस्थान प्रभारी ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में मीडिया में कुछ खबरें आई हैं। मैं इतना कहना चाहता हूं कि पार्टी लाइन के खिलाफ बयानबाजी करने वाले पार्टी में किसी पद और टिकट के हकदार नहीं होंगे।
बसपा के साथ गठबंधन के सवाल पर पांडे ने कहा कि इस बारे में अगले 8-10 दिनों में जिला और विकासखंड इकाइयों की तरफ से जमीनी स्थिति की आकलन रिपोर्ट आ जाएगी जिसके बाद गठबंधन के संदर्भ में फैसला किया जाएगा। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह द्वारा राजस्थान में कांग्रेस पर निशाना साधे जाने पर पलटवार करते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा और अमित शाह को अंदाजा हो गया है कि उनकी हार तय है इसलिए वे हताशा में आकर आधारहीन बातें कर रहे हैं। (भाषा)