नई दिल्ली। कांग्रेस की राजस्थान इकाई के प्रमुख सचिन पायलट ने रविवार को कहा कि भाजपा राजस्थान में अंदरुनी कलह और गुटबाजी का सामना कर रही है और यह इस बात से साबित होता है कि पार्टी अध्यक्ष अमित शाह और मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे दो अलग-अलग प्रचार अभियान चला रहे हैं।
पायलट ने इसके साथ ही कहा कि उनकी पार्टी के सभी वरिष्ठ नेता एकजुट हैं। राजे सरकार के खिलाफ कांग्रेस की कमान संभाल रहे पायलट ने चुनावी राज्य राजस्थान में बड़ी जीत का भरोसा जताया। पीटीआई को दिए साक्षात्कार में पायलट ने कहा कि राज्य इकाई प्रमुख के नाते उन्होंने गठबंधन के मुद्दे पर अपने इनपुट दिए हैं और अब इस पर पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी को फैसला करना है।
पायलट ने कांग्रेस में अंदरुनी झगड़े की भाजपा की आलोचना को खारिज करते हुए कहा कि मुझे बहुत गर्व है कि राजस्थान में कांग्रेस के बहुत मजबूत और बहुत बड़े नेता हैं। सभी ने पार्टी को आज की स्थिति वाली मजबूती देने के लिए बहुत योगदान दिया है। जितने ज्यादा हैं, उतना अच्छा है।
उन्होंने यह टिप्पणी ऐसे समय की, जब शाह ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा था कि उसे इस बारे में फैसला करना होगा कि पार्टी का मुख्यमंत्री पद के लिए उम्मीदवार पायलट और अशोक गहलोत में से कौन होगा?
भाजपा पर पलटवार करते हुए पायलट ने कहा कि इसके उलट दरअसल भाजपा अंदरुनी कलह और गुटबाजी का सामना कर रही है। भाजपा की तरफ से शाह राजस्थान में अलग प्रचार कर रहे हैं और मुख्यमंत्री अलग प्रचार कर रही हैं। पायलट ने कहा कि अमित शाह राज्य में अपनी पसंद का अध्यक्ष 75 दिन रख सके, उन्हें वसुंधराजी के दबाव में झुकना पड़ा और भाजपा अध्यक्ष के रूप में समझौते वाला उम्मीदवार सामने आया।
राफेल मुद्दे पर पायलट ने कहा कि भाजपा को घोटाले पर जवाब देना होगा, क्योंकि यह आगामी विधानसभा चुनावों में जनता के मन में ज्वलंत मुद्दा रहने वाला है। फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के खुलासों से इसे बारे में कोई संदेह नहीं रह गया है कि राफेल सौदे में भ्रष्टाचार हुआ है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के चुनावी वादों पर कटाक्ष करते हुए पायलट ने कहा कि दावे किए गए थे कि 'ना खाऊंगा, ना खाने दूंगा' और अब सरकार रंगेहाथों पकड़ी गई है। पार्टी की संकल्प यात्रा के तहत राजस्थान का दौरा कर रहे पायलट ने कहा कि कांग्रेस पांचों विधानसभा चुनावों में जीत को लेकर आशान्वित है, क्योंकि वह चुनावी राज्यों में अच्छी स्थिति में है। राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, मिजोरम और तेलंगाना में इस साल के अंत तक चुनाव होने हैं। (भाषा)