रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने कहा है कि छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश एवं राजस्थान में भाजपा की सत्ता में वापसी तय है, लेकिन वह मामूली बहुमत की बजाय दो-तिहाई बहुमत को हासिल करने के लिए ताकत लगाए हुए है।
शाह ने शुक्रवार को यहां पार्टी के शक्ति केंद्र कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर हमला करते हुए कहा कि वे इन तीनों राज्यों में सरकार बनाने का दिन में सपना देख रहे है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की लोकप्रियता चरण पर है और इसके बूते पर आज देश के 23 राज्यों में भाजपा की सरकार है।
उन्होंने कहा कि अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव में भाजपा ओडिशा एवं पश्चिम बंगाल में भी सरकार बनाएगी। कांग्रेस सिकुड़ गई है लेकिन उसके बाद भी राहुल आए दिन मोदीजी से 4 साल का हिसाब मांगते रहते हैं। उन्हें अपना डेटा दुरुस्त करने की जरूरत है। उन्होंने 4 वर्ष में मोदी सरकार की विभिन्न उपलब्धियों का जिक्र करते हुए पार्टी कार्यकर्ताओं से इसे लोगों के बीच प्रचारित करने को कहा।
पूर्ववर्ती सरकारों में सांसदों के रसोई गैस (एलपीजी) के मिलने वाले 25 कूपनों का जिक्र करते हुए कहा कि एक दौर में गैस कनेक्शन हासिल करना एक उपलब्धि थी, पर मोदी सरकार ने अंतिम घर से रसोई गैस कनेक्शन देना शुरू किया है। 'उज्ज्वला योजना' की परिकल्पना मोदीजी ने की, क्योंकि उन्हें जमीनी हकीकत का एहसास है कि गरीब मां-बहनों को चूल्हे पर खाना बनाना कितना मुश्किल होता है।
शाह ने 'आयुष्मान भारत योजना' को भी देश के करोड़ों गरीब परिवारों के लिए वरदान बताते हुए कहा कि कांग्रेस को कभी गरीबों की याद नहीं आई। अब किसी गरीब का माता-पिता व भाई धन के अभाव में दम नहीं तोड़ेगा। 5 लाख तक के कैशलेस इलाज की व्यवस्था मोदीजी की ही सोच का नतीजा है।
उन्होंने असम में नागरिकता को लेकर भी कांग्रेस को घेरते हुए कहा कि वहां पर 40 लाख घुसपैठियों की पहचान की गई है, लेकिन अब इस मसले को लेकर वह राजनीति कर रही है। राजनीति करने के बहुत मुद्दे हैं, पर वोटबैंक की राजनीति के चलते वह इस बारे में स्पष्ट दृष्टिकोण नहीं अपना रही है। कांग्रेस को घुसपैठियों के बारे में अपने दृष्टिकोण को साफ करना चाहिए।
शाह ने छत्तीसगढ़ का जिक्र करते हुए कहा कि पार्टी 3 बार से यहां सत्ता में है और मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की सरकार द्वारा राज्य के विकास एवं गरीब एवं कमजोर वर्गों के उत्थान की चलाई गई योजनाओं से सत्ता में चौथी बार वापसी भी तय है, पर वे 3 बार की तरह 5-6 सीटों का बहुमत नहीं चाहते तथा इस बार 65 सीटें जीतने का उन्होंने लक्ष्य तय किया है और इससे कम सीटों पर जीत नहीं होनी चाहिए। इसके लिए कार्यकर्ताओं को जी-जान से जुटना होगा।
मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने अपने संबोधन में आश्वस्त किया कि राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा 65 सीटों पर जीत का लक्ष्य पूरा किया जाएगा। इस मौके पर पार्टी के राज्य प्रभारी अनिल जैन, पार्टी महासचिव सरोज पांडेय, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष धरम कौशिक भी मौजूद थे। (वार्ता)