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महाराणा प्रताप के वंशज अरविंद सिंह मेवाड़ का निधन, मेवाड़ के पूर्व राज परिवार से क्या था कनेक्शन?

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वेबदुनिया न्यूज डेस्क

, रविवार, 16 मार्च 2025 (10:04 IST)
Arvind Singh Mewar news in hindi : मेवाड़ के पूर्व राजपरिवार के सदस्य अरविंद सिंह मेवाड़ का उदयपुर में लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। वह 81 वर्ष के थे। अरविंद सिंह मेवाड़ लंबे समय से बीमार थे और उदयपुर स्थित उनके आवास पर उनका इलाज किया जा रहा था।
 
पारिवारिक सूत्रों ने बताया कि रविवार सुबह उन्होंने अंतिम सांस ली। वह भगवंत सिंह मेवाड़ और सुशीला कुमारी के पुत्र थे। उनके बड़े भाई महेंद्र सिंह मेवाड़ का पिछले साल नवंबर में निधन हो गया था।
 
उनके परिवार में पत्नी विजयराज कुमारी, बेटा लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ और बेटियां भार्गवी कुमारी मेवाड़ और पद्मजा कुमारी परमार हैं।उनका अंतिम संस्कार सोमवार को होगा। उदयपुर सिटी पैलेस रविवार और सोमवार को पर्यटकों के लिए बंद रहेगा।

कौन थे अरविंद सिंह मेवाड़ : अरविंद सिंह मेवाड़ का जन्म 13 दिसंबर 1944 को उदयपुर के सिटी पैलेस में हुआ था। अरविंद सिंह एचआरएच ग्रुप ऑफ होटल्स के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक थे। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अजमेर के मेयो कॉलेज से की। महाराणा भूपाल कॉलेज से आर्ट्स से ग्रेजुएशन किया। इसके बाद ब्रिटेन के सेंट एलबंस मेट्रोपोलिटन कॉलेज से उन्होंने होटल मैनेजमेंट की डिग्री ली।
 
भगवंत सिंह ने 15 मई 1984 को अपनी वसीयत में छोटे बेटे अरविंद सिंह को संपत्तियों का एक्ज्यूक्यूटर बनाया था। साथ ही महेंद्र सिंह को ट्रस्ट और संपत्ति से बेदखल कर दिया गया। 3 नवंबर 1984 को भगवंत सिंह का निधन हो गया था। 
 
भगवंत सिंह के बेटे महेंद्र सिंह व अरविंद सिंह के परिवार के बीच 1984 से संपत्ति विवाद चल रहा था। अब यही विवाद महेंद्र सिंह बेटे विश्‍वराज सिंह और अरविंद सिंह के बेटे लक्ष्‍यराज सिंह तक पहुंच गया। श्री एकलिंगजी मंदिर और सिटी पैलेस दोनों महेंद्र सिंह के छोटे भाई अरविंद सिंह के नियंत्रण में था। वे श्री एकलिंगजी ट्रस्ट के अध्यक्ष और प्रबंध ट्रस्टी थे।

मेवाड़ ने 1945-46 में राजस्थान के कप्तान के रूप में रणजी ट्रॉफी में पदार्पण किया और उनका एक क्रिकेटर के रूप में लगभग दो दशक तक शानदार करियर रहा। वे 1970 के दशक में पोलो खिलाड़ी थे, लेकिन चिकित्सा कारणों से उन्होंने खेल छोड़ दिया। इंग्लैंड में पेशेवर पोलो के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करने के लिए, उन्होंने कैम्ब्रिज में 'उदयपुर कप' और न्यूमार्केट पोलो क्लब की स्थापना की। उदयपुर में ‘मेवाड़ पोलो’ का गठन एक पोलो टीम के रूप में किया गया था, जिसमें पेशेवर खिलाड़ी शामिल थे जिन्हें भारतीय प्रतियोगिताओं के लिए विशेष रूप से चुना गया था और प्रशिक्षित किया गया था।

वर्ष 1984 में अपने पिता की मृत्यु के बाद अरविंद ने घर का नेतृत्व संभाला। लेकिन बड़े बेटे होने के नाते महेंद्र सिंह मेवाड़ को परिवार के नाममात्र के मुखिया के रूप में ताज पहनाया गया। महेंद्र सिंह मेवाड़ का पिछले साल नवंबर में निधन हो गया और उनके बेटे विश्वराज सिंह मेवाड़, जो भाजपा के विधायक भी हैं को परिवार का नाममात्र का मुखिया बनाया गया।
edited by : Nrapendra Gupta 

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