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राखी बांधने का सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त : मध्याह्न 3:30 से 6:45 मिनट तक।
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यदि भद्रा और पंचक का विचार त्याग देते हैं तो रक्षा बंधन प्रदोष मुहूर्त : शाम 06:56:06 से 09:07:31 तक रहेगा।
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सर्वश्रेष्ठ राखी : फूंदा राखी, चूड़ा राखी और वैदिक राखी।
1. रुद्राक्ष राखी : इस राखी में मोतियों या फुंदों के बीच रुद्राक्ष लाग होता है।
2. ब्रेसलेट राखी : यह राखी ब्रेसलेट की तरह होती है। इसमें बीच में बड़ासा गोल नग लगा होता है और आसपास मोती या अन्य चमकते हुए नग लगे होते हैं। यह कई तरह की डिजाइन वाला होता है।
3. अमेरिकन डायमंड राखी : चांदी की पट्टी पर इस राखी में अमेरिकन डायमंड लगा होता और साथ में छोटे छोटे चमकते हुए नग लगे होते हैं।
5. फ्लावरी राखी : एक पक्के रेशमी रंगीन धागे पर वेलवेट या फोम के सुंदर डिजाइन वाले फूल बनाकर उस पर चिपकाया या बांधे जाते हैं और उन फूलों के आस पास धागे में रंग-बिरेंगे मोती पिरोये होते हैं।
6. स्वास्तिक या ॐ की राखी : एक पक्के रेशमी रंगीन और डिजाइनर धागे पर प्लास्टिक या वेलवेट का ॐ या स्वास्तिक लगाया जाता है। कई बार यह बहुत अच्छी क्वालिटी का और बहुत डिजाइनर भी होता है।
7. चांदी की राखी : चांदी की चेन के बीच में चांदी का फूल या अन्य कोई डिजाइन लिए यह राखी थोड़ी महंगी होती है।
9. मोतियों की राखी : यह राखी खालिस मोतियों की होती है। एक पक्के रेशमी रंगीन और डिजाइनर धागे में मोतियों को पिरोया गया होता है जिसे बीच में बड़ासा सफेद मोती होता है और आसपास अन्य रंग बिरंगे मोती होते हैं।
10. रंगोली राखी : एक पक्के रेशमी रंगीन और डिजाइनर धागे के बीचों बीच रंगोली के आकार की डिजाइन होती है जिसे डिजाइनर राखी भी कहते हैं।
11. लटकन राखी : यह उस प्रकार की होती है जैसे महिलाएं अपनी मांग मांग टिका लगाती है या कान में झुमके पहने जाते हैं। अलग-अलग धागों में पांच मोती पिरोते हैं और उन सभी धागों को मिलाकर एक बड़े से मोती में पिरोते हैं। सभी मोतियों के आसपास मखमली फूंदों को भी पिरोया गया होता है।
12. चूड़ा राखी : इस राखी का प्रचलन राजस्थान में ज्यादा है। यह राखी एक ऐसे कंगन की तरह होती है जिसमें से एक रेशम की डिजाइनर मोटी डोर बांधने के लिए निकली होती है।
13. फूंदा राखी : यह बहुत ही साधारण रेशमी धागे पर बंधने फूंदे होते हैं।
14. वैदिक राशि : इनमें दूर्वा (घास), अक्षत (चावल), केसर, चन्दन और सरसों के दाने शामिल हैं। इन 5 वस्तुओं को रेशम के कपड़े में बांध दें या सिलाई कर दें, फिर उसे कलावे में पिरो दें। इस प्रकार वैदिक राखी तैयार हो जाएगी।
अन्य राखियां : इसी तरह अन्य कई और भी तरह के डिजाइन की राखी होती है जैसे कार्टून राखी, भगवानों के चित्र से सजी राखी, साईं राखी, जरदोरी राखी, मीनाकारी राखी, मोर डिजाइन की राखी, चंदन राखी, मौली, कछुआ राखी, कृष्ण राखी, नग-नगिनों की राखी, एक ओमकार सतनाम राखी, खांडा राखी आदि कई तरह की राखियां होती हैं।