संकट से उबरने का तरिका राम है...उत्साह से भर देगी श्री राम की यह अनोखी कविता
दो अक्षर का नाम है, संकट से उबरने का तरिका राम है
सिर्फ अयोध्या ही नहीं बल्कि हर राज्य में 22 जनवरी की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। इस खास मौके पर वेबदुनिया आपके लिए लेकर आया है श्री राम से जुड़ी खास कविता (shri ram par kavita)। यह कविता कवि प्रदीप नवीन द्वारा लिखी गई है जिसका शीर्षक दो अक्षर का नाम है।
संकट से उबरने का तरिका राम है ,
अति सहज सरल दो अक्षर का नाम है।
रावण रूपी वृक्ष खडे हैं जीवन की हर राह में,
एक नहीं देता है छाया विध्न बनें सब चाह में।
ध्यान राम का मन में हो तो,
हर पल सुख विश्राम है,
संकट से उबरने का तरिका राम है।
मझधारे हो डगमग नैया ओर संकट हो सामने,
देखके मानव को दुविधा में
राम ही आएं थामने।
लहरों में न खोने देता
बढ़कर लेता थाम है
संकट से उबरने का तरिका राम है।
दूर बहुत लगते हैं तीरथ
मन में रहती आस है,
ढोंग दिखावे की पूजा तो
तन को देती त्रास है।
राम नाम के अक्षर में ही
बसते चारों धाम है ,
संकट से उबरने का तरिका राम है।
जनक पुत्री सीता के स्वामी
माया अपरंपार है,
हृदय पटल पर अंकित कर लो
दर्शन बारंबार है।
राम ध्यान में सात जनम की
सुंदर सुबह शाम है,