Kumbhakarna in Ramayan: उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने हाल ही में एक दीक्षांत समारोह में कहा कि 'हमारे सामने ये रखा गया है कि कुंभकरण तो छह महीने सोता था और छह महीने जागता था। लेकिन, ये ग़लत है, कुंभकरण एक तकनीकी जानकार था जो छह महीने तक गुप्त तरीके से अपनी यंत्रशाला में यंत्र बनाया करता था। उन्होंने यह भी कहा कि विमान का अविष्कार राइट बंधुओं ने नहीं ऋषि भारद्वाज ने किया था। इसी संदर्भ में जानिए कि क्या कुंभ करण सच में एक इंजीनियर था?
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कहते हैं कि रावण के छह भाई थे जिनके नाम ये हैं- कुबेर, विभीषण, कुम्भकरण, अहिरावण, खर और दूषण। खर, दूषण, कुम्भिनी, अहिरावण और कुबेर रावण के सगे भाई बहन नहीं थे। विश्वश्रवा की दूसरी पत्नी कैकसी से रावण, कुंभकरण, विभीषण और सूर्पणखा पैदा हुई थी। ऐसा कहीं पर भी स्पष्ट उल्लेख नहीं मिलता है कि कुंभकरण छह माह नहीं सोता था। छह माह सोने का वरदान उसे भगवान ब्रह्मा से मिला था। हालांकि यह जरूर कहीं कहीं मिलता है कि कुंभकरण और उसकी पत्नी दोनों ही यंत्र बनाने में रुचि रखते थे।
1. कुंभकर्ण की पत्नी : कुंभकर्ण की पत्नी वरोचन की कन्या वज्रज्वाला थीं। उसकी एक दूसरी पत्नी का नाम कर्कटी था। कुंभपुर के महोदर नामक राजा की कन्या तडित्माला से भी कुंभकर्ण का विवाह हुआ। कुंभकर्ण के एक पुत्र का नाम मूलकासुर था जिसका वध माता सीता ने किया था। दूसरे का नाम भीम था। कहते हैं कि इस भीम के कारण ही भीमाशंकर नामक ज्योतिर्लिंग की स्थापना हुई थी।
2. अविष्कारक कुंभकर्ण? कहते हैं कि रावण की सेना में अस्त्र-शस्त्र या यंत्र बनाने वाले एक से एक वैज्ञानिक थे। जैसे शुक्राचार्य भार्गव, शंबूक और कुंभकर्ण और वज्रज्वला। रामायण से इतर ग्रंथों के अनुसार रावण की एक गुप्त प्रयोगशाला थी। कुंभकर्ण अपनी पत्नी वज्रज्वाला के साथ उस प्रयोगशाला में तरह-तरह के अस्त्र-शस्त्र और यंत्र बनाने में ही लगा रहता था जिसके चलते उनको खाने-पीने की सुध ही नहीं रहती थी। कुंभकर्ण की यंत्र मानव कला को ग्रेट इंडियन' पुस्तक में विजार्ड आर्ट' का दर्जा दिया गया है। इस कला में रावण की पत्नी धान्यमालिनी भी पारंगत थी।
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3. एक दिन छोड़कर वर्ष भर सोना : ऐसी भी मान्यता है कि रावण का भाई कुंभकर्ण 6 महीने बाद 1 दिन जागता और भोजन करके फिर सो जाता था, क्योंकि इसने ब्रह्माजी से इंद्रासन की जगह निद्रासन का वरदान मांग लिया था। इसका शरीर विशालकाय था।
4. खूब खाता था कुंभकर्ण : कहते हैं कि कुंभकरण जन्म लेते ही कई लोगों को खा गया था। जिससे घबराकर सारी प्रजा इंद्र से मदद मांगने लगी। उसके बाद इंद्र और कुंभकरण के बीच युद्ध हुआ लेकिन कुंभकर्ण ने इंद्र को हरा दिया था।
5. कुंभकर्ण की मृत्यु : युद्ध के दौरान किसी तरह कुंभकर्ण को जगाया गया। कुंभकर्ण ने युद्ध में अपने विशाल शरीर से वानरों पर प्रहार करना शुरू कर दिया इससे राम की सेना में हाहाकार मच गया। सेना का मनोबल बढ़ाने के लिए राम ने कुंभकर्ण को युद्ध के लिए ललकारा और भगवान राम के हाथों कुंभकर्ण वीरगति को प्राप्त हुआ। उसके शव के गिरने से लंका का बाहरी फाटक और परकोटा गिर गया था।
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