जम्मू। पाकिस्तानी सेना जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ करवाने को कितनी उतावली है, इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि शनिवार को अपने एक कमांडो को खोने के बावजूद उसने अब जम्मू फ्रंटियर से घुसपैठ का प्रयास किया। एक घुसपैठिया मारा गया और बाकी धुंध का लाभ उठा भाग निकले।
सूत्रों ने बताया कि जम्मू फ्रंटियर के अरनिया सेक्टर की भूलेचक पोस्ट पर सीमा सुरक्षा बल के जवानों ने भारतीय सीमा में घुसपैठ करने का प्रयास कर रहे पाकिस्तानी घुसपैठियों में से 1 को मार गिराया है। घुसपैठिए को मार गिराने से पहले जवानों ने उसे कई बार चेतावनी भी दी, परंतु जब वह पीछे नहीं हटा तो जवानों ने गोली चलाकर उसे वहीं ढेर कर दिया। घुसपैठिए का शव अभी सीमा के नजदीक ही पड़ा हुआ है। अधिकारी दावा करते हैं कि घुसपैठियों की संख्या 3 से 4 के करीब थी जिनमें से बाकी वापस पाकिस्तान भागने में कामयाब रहे।
मिली जानकारी के अनुसार आज सोमवार तड़के अंतरराष्ट्रीय सीमा पर गोलीबारी की आवाज सुनकर सीमांत लोगों में दहशत का माहौल फैल गया। पहले तो लगा कि सीमा पर भारत-पाकिस्तान जवानों में गोलीबारी का सिलसिला शुरू हो गया, परंतु यह गोलीबारी कुछ ही समय के लिए थी। बाद में जानकारी मिली कि सीमा सुरक्षा बल के सतर्क जवानों ने अरनिया की पोस्ट भूले चक सेक्टर में 1 पाकिस्तानी घुसपैठिए को मार गिराया है। धुंध की आड़ में पाकिस्तानी घुसपैठिए भारतीय सीमा में प्रवेश करने का प्रयास कर रहे थे।
बीएसएफ सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार धुंध में सीमा पार से अज्ञात व्यक्तियों को भारतीय सीमा की ओर बढ़ते हुए देखा गया। जैसे ही वे भारतीय सीमा के नजदीक पहुंचने लगे, उसे चेतावनी दी गई। चेतावनी के बाद भी वह निरंतर भारतीय सीमा की ओर बढ़ते रहे। एक बार फिर उन्हें वापस लौटने को कहा गया, परंतु जैसे ही उनमें से एक ने भारतीय सीमा की हद में पांव रखा, बीएसएफ के जवानों ने गोलीबारी की उसे वहीं ढेर कर दिया।
पिछले महीने भी बीएसएफ के जवानों ने आरएसपुरा सेक्टर में अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे अल्लाह माई दे कोठे पोस्ट पर 1 महिला पाकिस्तानी घुसपैठिए को मार गिराया था। मारे जाने वाली महिला आतंकवादियों की गाइड बताई जाती है। इसके अलावा इस रविवार को एलओसी से सटे केरन सेक्टर में भी जवानों ने पाकिस्तानी सेना की मदद से भारतीय सीमा में घुसपैठ करने का प्रयास कर रहे एक घुसपैठिए को मार गिराया, जो पाकिस्तानी सेना का कमांडो था।
प्रशासन के मनमर्जी के निर्देश : जम्मू-कश्मीर प्रशासन द्वारा लगातार अपनी मनमर्जी से जारी किए जाने वाले निर्देशों को देखकर यही लगता था कि अभी भी अधिकारियों के सिर से धारा 370 में मिले अधिकारों का खुमार नहीं उतरा था। यही कारण था कि उन्होंने प्रदेश में आने वाले प्रत्येक बाहरी व्यक्ति का कोरोना टेस्ट करने का निर्देश जारी कर दिया था। यही नहीं, प्रदेश का कोई व्यक्ति बाहर से आता था तो उसे भी इसी प्रक्रिया के दौर से गुजरना पड़ रहा था जबकि देश में ऐसा कोई निर्देश लागू नहीं था जिसमें दोनों वैक्सीन लेने वालों का अपने ही प्रदेश या दूसरे प्रदेश में प्रवेश के लिए कोरोना टेस्ट करवाना होता था।
यही कारण था कि 2 बार प्रदेश के प्रवेशद्वार लखनपुर में यात्रियों द्वारा तोड़फोड़ किए जाने के बाद अब प्रदेश सरकार ने अपने निर्देशों को वापस लेते हुए कहा है कि अब हवाई, रेल या सड़क मार्ग से जम्मू-कश्मीर जाने वाले उन यात्रियों के आरटीपीसीआर या रैपिड एंटीजन टेस्ट किए जाएंगे जिनमें बीमारी के कोई लक्षण उपाय दिखाई दे रहे होंगे। जिन यात्रियों में कोई लक्षण दिखाई नहीं देगा उन्हें आरटीपीसीआर या रैपिड टेस्ट करवाने की जरूरत नहीं होगी बशर्ते कि उनके पास कोरोना की वैक्सीन का वैध प्रमाण पत्र होना चाहिए या 72 घंटे से पहले की नेगेटिव रिपोर्ट होनी चाहिए।
हालांकि रविवार को हुई बैठक में जम्मू-कश्मीर में कोरोना की रोकथाम के लिए जारी दिशा-निर्देशों में कोई बदलाव नहीं किया गया। पहले वाले नियम ही लागू करेंगे। टेस्ट पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। जिन जिलों में कोरोना वैक्सीनेशन की दूसरी डोज का लक्ष्य पूरा नहीं किया गया है, उन्हें 1 सप्ताह में यह लक्ष्य पूरा करना होगा। मुख्य सचिव अरुण कुमार मेहता की अध्यक्षता में हुई राज्य कार्यकारी समिति की बैठक 2 जनवरी 2022 को हुई जिसमें कोरोना की मौजूदा स्थिति पर विचार-विमर्श किया गया।
स्थिति यह थी कि जम्मू-कश्मीर में प्रवेश के सभी द्वारों पर आने वाले हजारों यात्रियों की एक बार फिर लंबी-लंबी लाइनें देखने को मिल रही थीं। भयानक सर्दी में लाइनों में ठिठुरते लोगों का गुस्सा कई बार फूटा भी था। इतना जरूर था कि प्रशासन के इस आदेश के बाद प्रदेश में टूरिस्टों का आना थमने लगा था।