उत्तरकाशी। उत्तरकाशी में हिमस्खलन स्थल से 10 और शव बरामद हुए हैं जिसके साथ ही मृतक संख्या बढ़कर 26 हो गई। नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (एनआईएम) ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। अधिकारियों ने कहा कि तलाश अभियान में मदद के लिए भारतीय वायुसेना (आईएएफ) के 2 हेलीकॉप्टर ने उत्तराखंड के हर्षिल से उड़ान भरी।
एनआईएम के पर्वतारोहियों का दल चढ़ाई के बाद लौटते समय मंगलवार को 17 हजार फुट की ऊंचाई पर द्रौपदी का डांडा-द्वितीय चोटी पर हिमस्खलन की चपेट में आ गया था। एनआईएम ने कहा कि गुरुवार देर शाम हिमस्खलन स्थल से 3 और शव बरामद किए गए जबकि शुक्रवार को 7 शव बरामद किए गए। संस्थान ने कहा कि इन्हें मिलाकर अब तक कुल 26 शव बरामद किए जा चुके हैं।
उसने बताया कि इन शवों में से 24 शव प्रशिक्षु पर्वतारोहियों के हैं जबकि 2 शव प्रशिक्षक (इंस्ट्रक्टर) के हैं। एनआईएम के मुताबिक 3 प्रशिक्षु अब भी लापता हैं। संस्थान ने कहा कि 15 शव गुरुवार को बरामद किए गए। जिला मजिस्ट्रेट अभिषेक रुहेला ने कहा कि मतली लाए जा रहे 4 शवों को खराब मौसम के कारण हर्षिल हेलीपैड ले जाया गया, जहां से उन्हें एम्बुलेंस से उत्तरकाशी भेजा गया है।
उन्होंने कहा कि अभी सभी शवों की पहचान नहीं हुई है। जिन शवों की पहचान हो गई है, उनके रिश्तेदारों को सूचना दी जा चुकी है। जिलाधिकारी ने कहा कि खराब मौसम ने हेलीकॉप्टर के जरिए खोज के प्रयासों में बाधा डाली लेकिन तलाश अभियान जमीन पर निर्बाध रूप से जारी रहा।
उत्तरकाशी समेत उत्तराखंड के कई जिलों में मौसम विभाग की तरफ से भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। इन जिलों में स्कूलों को बंद कर दिया गया है और आपदा प्रबंधन दलों को अलर्ट पर रखा गया है। हादसे में बचने वाले एनआईएम के प्रशिक्षण नायब सूबेदार अनिल कुमार ने गुरुवार को बताया कि हिमस्खलन के दौरान 33 पर्वतारोहियों ने एक हिमखंड की दरार में शरण ली थी।
थलसेना, वायुसेना, एनआईएम, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी), हाई ऑल्टिट्यूड वारफेयर स्कूल (जम्मू-कश्मीर), राज्य आपदामोचन बल और जिला प्रशासन तलाश अभियान में जुटे हैं। यह अभियान मंगलवार को हिमस्खलन के कुछ घंटों बाद शुरू हुआ था। हिमस्खलन में लापता हुए पर्वतारोही एनआईएम द्वारा उन्नत प्रशिक्षण पाठ्यक्रम के लिए चुने गए दल का हिस्सा थे।(फ़ाइल चित्र)
Edited by: Ravindra Gupta(भाषा)