लखनऊ। उत्तर प्रदेश में काफी लंबे समय के बाद कांग्रेस पार्टी ने पार्टी विरोधी गतिविधियों में सम्मिलित पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं को बाहर का रास्ता दिखाते हुए 6 वर्ष के लिए निष्कासित कर दिया है। इस बड़े निष्कासन के बाद पार्टी के अंदर लंबे समय से चल रही एक-दूसरे के प्रति राजनीतिक जद्दोजहद को विराम मिला है तो वहीं कांग्रेस पार्टी ने यह संदेश भी दिया है कि नतीजा कुछ भी हो, लेकिन जो भी पार्टी के विरुद्ध जाएगा उसका पार्टी से निष्कासन तय है फिर चाहे वह कोई भी हो।
उत्तर प्रदेश में प्राथमिक सदस्यता से 6 वर्ष के लिए जिन नेताओं को निकाला गया है उनमें पूर्व सांसद संतोष सिंह, पूर्व एमएलसी सिराज मेंहदी, पूर्व मंत्री रामकृष्ण द्विवेदी, पूर्व मंत्री सत्यदेव त्रिपाठी, पूर्व विधायक भूधर नारायण मिश्र, पूर्व विधायक विनोद चौधरी, पूर्व विधायक नेकचंद पाण्डेय, यूथ कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष स्वयं प्रकाश गोस्वामी, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य राजेंद्र सिंह सोलंकी तथा गोरखपुर जिला कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष संजीव सिंह हैं।
मिली जानकारी के अनुसार, राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के फैसलों पर असंतोष जाहिर करने वालों और राजनीतिक द्वेष के चलते पार्टी को नुकसान पहुंचाने में सम्मिलित 10 वरिष्ठ नेताओं को 6 वर्ष के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है। निष्कासन के पूर्व कांग्रेस अनुशासन समिति पार्टी विरोध और अनुशासनहीनता पर कांग्रेस ने इन सभी वरिष्ठ नेताओं को नोटिस देकर सभी से 24 घंटे में जवाब मांगा था। लेकिन सभी वरिष्ठ कांग्रेसियों के जवाब से संतुष्ट न होने पर इनको 6 वर्ष के लिए पार्टी से बाहर कर दिया गया है।